मुंबई. एक रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) के खराब असर के बावजूद भारत में करोड़पतियों और उनकी संपत्ति में 20% का इजाफा हुआ है। इसके चलते भारत हाई नेटवर्थ आबादी के सबसे तेजी से बढ़ने वाले मार्केट में शुमार हो गया है। फ्रांस की टेक फर्म कैपजेमिनी की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल्स (एचएनआई) की संख्या 20.4% तक बढ़कर 2 लाख 63 हजार हो गई। इनकी कुल नेटवर्थ 21% बढ़कर एक ट्रिलियन डॉलर (68 लाख करोड़ रु.) से ज्यादा है।
भारत में बढ़ रहे करोड़पति
साल | करोड़पति |
2018 | 2 लाख 63 हजार |
2016 | 2 लाख 36 हजार |
2015 | 1 लाख 98 हजार |
2007 | 1 लाख 52 हजार |
भारत में करोड़पतियों के बढ़ने की दर वैश्विक औसत से ज्यादा:कैपजेमिनी के मुताबिक, भारत का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। दुनिया में एचएनआई की संख्या बढ़ने का औसत 11.2% और उनकी संपत्ति बढ़ने का औसत 12% है। भारत में ये दोनों चीजें बढ़ने का औसत, ग्लोबल एवरेज से ज्यादा है। अमेरिका, जापान, जर्मनी और चीन में दुनिया के सबसे ज्यादा एचएनआई हैं। 2017 में एचएनआई के मामले में भारत की रैंकिंग 11वीं हो गई है। एचएनआई उस शख्स को कहा जाता है जिसके पास निवेश करने के लिए एक मिलियन डॉलर (6.8 करोड़ रु.) से ज्यादा हो।
भारत में रियल्टी सेक्टर और जीडीपी में आया उछाल:भारत में ग्रोथ की एक बड़ी वजह एक साल में बाजार में 50% से ज्यादा पैसे का आना है। रियल्टी सेक्टर में औसत 4.8% और जीडीपी में 6.7% की बढ़ोतरी हुई। इस मामले में दुनिया से कहीं ज्यादा तेजी भारत में दिखाई दी है। जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद भारत के बाजार पर कुछ असर पड़ा था लेकिन इसे अस्थायी बताया गया। नोटबंदी और उच्च बचत दर ने भी भारत की संपत्ति बढ़ाने में मदद की।