मुंबई- महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। कारोबारियों ने सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन इस पर सुनवाई फिलहाल स्थगित कर दी गई है। सरकार ने प्लास्टिक बैन पर पिछले साल अधिसूचना जारी की थी। कानून का उल्लंघन करने वालों को अधिकतम 25 हजार रुपए जुर्माना देने के अलावा जेल भी जाना पड़ सकता है।
क्या कहा राज्य सरकार ने?
– महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री राम कदम ने कहा- प्लास्टिक और थर्माकोल से बनी कुछ वस्तुओं पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है। इनमें प्लास्टिक की थैलियां, थर्मोकोल और प्लास्टिक के प्लेट और प्लास्टिक के कप शामिल हैं। कैबिनेट ने राज्य में पर्यावरण विभाग प्लास्टिक बैन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
1800 टन प्लास्टिक कचरा
– रामदास ने विधानसभा में बताया था कि महाराष्ट्र में रोज 1800 टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। इसका पर्यावरण पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। इसीलिए प्लास्टिक पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने का निर्णय लिया गया है।
– कदम के मुताबिक- प्लास्टिक, थर्माकोल, प्लास्टिक थैलियां, प्लेट्स, गिलास, गुटखे के पाउच, बैनर, पोस्टर सहित ऐसी तमाम वस्तुएं हैं जिन्हें बंद करना जरुरी है। यही नहीं प्लास्टिक के उत्पादन को रोकने केलिए प्लास्टिक के कारखानों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
25 हजार तक जुर्माना
– बैन के बाद इसका उल्लंघन करने पर प्लास्टिक निर्माता और इस्तेमाल करने वालों पर जुर्माने का भी प्रावधान है। इसमें 5 हजार से 25 हजार तक जुर्माने के साथ तीन महीने की जेल की सजा भी हो सकती है।
– प्लास्टिक रिसाइक्लिंग के बारे में बताते हुए प्लास्टिक एसोसिएशन अफसरों ने कहा कि प्लास्टिक रिसाइक्लिंग के द्वारा चटाई बनाने, गार्डेन में प्लास्टिक के बेंच बनाने सहित तमाम बातों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
– दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में पॉलीथिन और प्लास्टिक से बनी सामग्रियों पर रोक लगाने की घोषणा की जा चुकी है। गंगा नदी में भी प्लास्टिक की थैलियां फेंकने पर बैन है।