जम्मू[कबीर क्रांति]- महबूबा मुफ्ती सरकार से समर्थन वापसी के बाद शनिवार को पहली बार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जम्मू पहुंचे। उन्होंने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के मौके पर एक रैली में कहा- कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद बयान देते हैं और लश्कर-ए-तैयबा तुरंत उसका समर्थन कर देता है। मैं कांग्रेस अध्यक्ष से पूछना चाहता हूं कि उनके नेता और लश्कर के बीच फ्रीक्वेंसी मैच कैसे हो रही है? शाह ने कहा कि जो बयान आजाद ने दिया, उसे तो मैं दोहरा भी नहीं सकता।
पीडीपी-नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 3 पीढ़ियों तक कुछ नहीं किया:शाह ने कहा, “जम्मू और कश्मीर के समानांतर विकास का लक्ष्य ना पूरा होने पाने की स्थिति में भाजपा का सत्ता में बने रहने का कोई मतलब नहीं था। मोदी सरकार ने कोशिश की, लेकिन जम्मू-लद्दाख के साथ भेदभाव जारी रहा। इसके बाद हमने विपक्ष में रहने का फैसला किया। हमने पश्मीना और पम्पोर हाट के विकास के लिए 85 करोड़ रुपए दिए। नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के दो परिवारों ने जम्मू-कश्मीर पर करीब तीन पीढ़ियों तक शासन किया, लेकिन पश्मीना और पम्पोर हाट के लिए इन्होंने कुछ भी नहीं किया।”
कांग्रेस नेताओं के 2 बयानों पर विवाद हु
1#गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा था, ‘‘4 आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 20
नागरिक मारे जाते हैं।’’ गुलाम नबी के बयान का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने समर्थन कर दिया। इस पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘कांग्रेस सेना का मनोबल कम कर रही है। अगर कांग्रेस को 44 से 14 लोकसभा सीटों पर आना है तो उसे मुबारक। कांग्रेस नेताओं को पाकिस्तान से खूब समर्थन मिल रहा है। हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए तारीक हमीद कारा की भाषा तो वही है जो पाकिस्तान के आतंकियों की रही है।’’