कवर्धा नगर पालिका में एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है, जिसमें ठेकेदार को लिफ्ट लगाने के नाम पर स्वीकृत राशि से दोगुनी राशि एडवांस में दे दी गई. लेकिन राशि देन के 9 साल बाद भी काम्प्लेक्स में लिफ्ट नहीं लगाया गया है. जिसके बाद अब निगम अधिकारी और ठेकेदार द्वारा मिलीभगत लिफ्ट का पैसा हजम करने का आरोप लगा है.
आठ माह पहले मामला सामने आने बाद सीएमओ ने ठकेदारा को नोटिस देकर एक सप्ताह के अंदर लिफ्ट लगाने को कहा था, लेकिन इस नोटिश को भी जारी किये 8 माह से ज्यादा समय बीत गया है लेकिन उसके बाद भी अब तक लिफ्ट नहीं लगाई गई. इसके बाद भी अब तक निगम की ओर से ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जो समझ से परे है. साथ ही लिफ्ट न लगने के कारण अब तक दुकानदारों द्वारा दुकान की राशि का भुगतान भी नहीं किया गया. जिससे नगर पालिका पहले ही 15 लाख डूबो चुकी है तथा दुकानदारों से भी पैसा न मिलना विभागीय लापरवाही को दर्शाता है.
बता दे कि साल 2009 में नगर पालिका द्वारा शहर के एकता चौक में करोडों की लागत से भारत माता व्यवसायिक परिसर का निर्माण कराया गया था. इस तीन मंजिला इमारत में दिव्यांगों के लिए लिफ्ट लगाने 8 लाख रूपये अलग से स्वीकृत किये गये थे. लेकिन तत्कालीन समय में सीएमओ और पालिका के जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से ठेकेदार को लिफ्ट के लिए 8 लाख की बजाय 15 लाख रूपये भुगतान कर दिया गया|
इस बात का खुलासा तब हुआ जब कांग्रेस पार्षदों ने नगर पालिका द्वारा पूर्व में किये गए कार्यो को खंगालना शुरू किया. कांग्रेस पार्षद बिलाल खान का आरोप है कि वर्तमान अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी पूर्व के अधिकारियों की ही तरह मामले को रफादफा करने में लगे हुए है. इन अधिकारियों ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ ठेकेदार को नोटिस थमा खाना पर्ति की है. पार्षद ने इस मामले में एफआईआर कराते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
वही नगर पालिका सीएमओ सुनील अग्रहरि का कहना है कि यह राज्य स्तर का मामला है, ऐसे में मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है, उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार ही आगे की कार्रवाई की जायेगी. साथ ही सीएमओ ने ठेकेदार से लिफ्ट के लिए भुगतान की गई राशि को वसूलने का दावा किया है|