कवर्धा- कबीरधाम जिले के कर्रानाला बैराज (बांध) में मछलीपालन के लिए दूसरे जिले के मछुवारा संघ को लीज में दे दिया गया है। मछ्ली पालन विभाग को नियमानुसार स्थानीय मछुवारा संघ को लीज में देने का प्रावधान है। अब वहा के मछली बेचने का काम भी बाहरी मछुवारे द्वारा किया जा रहा है। विभाग के इस रवैये के नाराज स्थानीय मछुवारे संघ ने जिला प्रशासन से मदद मांगी है। स्थानीय मछुवारे संघ ने कलेक्टर को बताया कि लीज में लेने के लिए मत्स्यकीय विभाग के अफसर ने बतौर दस लाख की मांग की है। कलेक्टर इस मामले की जांच के आदेश भी दिए है। मामला जिले के मतस्यकीय पालन विभाग है। जहां सहायक संचालक वाय.के डिंडोरे पर 10 लाख रूपए की रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगा है। मामला जिले के सबसे बडा बांध माने जाने वाले कर्रानाला बैराज को मत्स्य विभाग द्वारा गैर मछुवा समिति को दिए जाने को लेकर है । इससे जिलें के मछुवारों को रोजगार नही मिल पा रहा है । वहीं जिस समिति को बांध में मछली मारने का परमिशन दिया गया है वह बाहर के मछुवारा बुलाकर काम कराता है इससे जिले के स्थानीय मछुवारा नाराज है ।बता दें कि लोहारा विकासखंड में करीब 144 हेक्टेयर का कार्रानाला बैराज बांध है। यहां कृषि स्थाई समिति व मत्स्य विभाग द्वारा मछली मारने का ठेका दिया जाता है । मत्स्य विभाग ने मोतिनपुर के एक गैर मछुवा समिति को ठेका दे दिया है। यह समिति बाहर के मछुवारों को बुलाकर मछली मारने का काम करवाती है । इसके कारण स्थानीय निषाद परिवार के लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है । वहीं यहां के मछली को भी बाहर के लोगो को बेच दिया जाता है । इससे नाराज भागवत निषाद,सहित 40 से अधिक मछुवारों ने युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष आकाश केशरवानी के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच कर नारेबाजी की और कर्रानाला को ठेका देने की मांग की है । उन्होंने ने बताया कि मत्स्य विभाग संचालक द्वारा दुर्ग के छोटू डीमरा को बुलाकर मछली मारने का काम कराया जाता है। इस प्रकार जिले के बांध का लाभ दूसरे जिलें के लोगों को मिल रहा है । इस मामले पर कलेक्टर से मिलकर मछुवारों ने ज्ञापन सौंपा । मछुवारों ने बताया कि जिस समिति को मछली मारनें पट्टा दिया गया है वह समिति अब भी मछली मार रहा है। जबकि बारिश लगते ही मछली पकडना प्रतिबंधित हो जाता है लेकिन दुर्ग के मछुवारा रात में ही जाल डाल देतें है और सुबह 4 बजे मछली पकड़कर मेंटाडोर में फरार हो जातें है। अधिकारीयों के सह में बारिश के दिनों में भी मछली मारी जा रही है । जो कानूनन अपराध है ।
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मां नर्मादा मछवारा समिति के सदस्यों द्वारा कर्रानाला में मछली मारने पट्टे की मांग की गई तो मत्स्य विभाग के संचालक व्या.के.डिंडोंरे द्वारा ठेका देने 10 लाख रूपये की मांग किया गया । वही समिति के सदस्यों का कहना है अन्य बांध में मछली मारने दो व तीन समिति को ठेका दिया गया है तो फिर कर्रानाला बांध में भी मछली मारने दो समिति का क्यों ठेका नही दिया जा सकता है । लेकिन विभाग के अधिकारी अधिक कमाई के लालच में बाहरी गैर मछुवा समाज के लोगों को काम दे दिया गया है ।