कोरबा
कलेक्टर की प्रेरणा ने किसान के बेटे को पहुचायां आईआईटी तक
कलेक्टर ने टीकम और विक्रम को किया सम्मानित
कोरबा – एक गरीब परिवार में पले बढ़े आदिवासी छात्र टीकम सिंह ने कभी सपने में भी नही सोचा था कि वह एक दिन देश के नामी आईआईटी कानपुर में पढ़ाई करने जायेगा। अपने गांव से स्कूल तक की पढ़ाई रोजाना साइकिल चलाकर पूरी करते वक्त उसने तो बस यही सोचा था कि किसी तरह बारहवी कक्षा तक की पढ़ाई पूरी कर ले फिर किसी कालेज में पढ़ाई पूरी करेगा। उसने स्कूल में कभी नही सोचा था कि कुछ आईआईटी जैसी संस्था में भी कभी वह जायेगा। गांव के सरकारी स्कूल में कक्षा दसवी की परीक्षा 91 और 12 वी की परीक्षा 92 प्रतिशत से पास करने के बाद जब उसे मालूम हुआ कि जिले में कलेक्टर की पहल पर आईआईटी, नीट, पीईटी, पीएमटी जैसे परीक्षाओं की तैयारी के लिये अग्रगमन जैसी कोचिंग की व्यवस्था है,जहां निःशुल्क में रहना, खाना भी है तो उसने भी परीक्षा पास कर अग्रगमन में प्रवेश लिया। जिला प्रशासन द्वारा संचालित इस अग्रगमन में रहकर छात्र टीकम ने पूरी मेहनत की और छत्तीसगढ़ राज्य अंतर्गत पीईटी में अनुसूचित जनजाति वर्ग में राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया। इसके पश्चात जी मेन्स फिर जीईई एडवांस में सफलता हासिल कर आईआईटी कानपुर के लिये सलेक्ट हुआ। किसान के इस बेटे टीकम सिंह कंवर की इस सफलता ने जहंा जिले को गौरवान्वित किया वही उसके उपलब्धि से गौरवान्वित महसूस कर रहे जिले के कलेक्टर मोहम्मद कैसर अब्दुल हक ने आज टीकम को अपने पास आते देख कुर्सी से उठकर हाथ मिलाते हुये न सिर्फ बार-बार पीठ थपथपाई,उसने टीकम से कहा कि कोई भी कमी हो तो हमे बताना, जीवन में किसी भी चुनौतियों से न घबराना, आईआईटी कानपुर जैसी संस्था में प्रवेश होना कोई आम बात नही। जिला प्रशासन द्वारा जो भी सहयोग संभव होगा आगे भी किया जायेगा। कलेक्टर से आशीर्वाद लेने पहुचे टीकम ने इस दौरान कहा कि मै स्कूल में पढ़ाई करते हुये आईआईटी आदि के बारे में बिल्कुल भी नही जानता था। अग्रगमन जैसी संस्था में कोचिंग के दौरान आपसे बार बार हुई मुलाकात और आगे बढ़ने की दी गई प्रेरणा का ही परिणाम है कि आज मै जीईई एडवांस जैसी परीक्षा पास कर कानपुर आईआईटी में जा रहा हूं।
कलेक्टर मो हक ने अग्रगमन के एक और छात्र विक्रम सिंह को भी बुकें, रिस्टवाच देकर सम्मानित किया। ग्राम सरईडीह, तिलकेजा के विक्रम ने भी अग्रगमन में रहते हुये जीईई मेन्स की परीक्षा पास कर एनआईटी हरिद्वार में जगह बनाई है। विक्रम ने बताया कि उसके पिताजी किसान है। अग्रगमन संस्था में आकर उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। छात्र टीकम और विक्रम का कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा संचालित अग्रगमन संस्था में जब वे रहते थे तब जिले के कलेक्टर मो कैसर अब्दुल हक बार-बार अधिकारियों के साथ आते थे और कभी दोपहर का भोजन साथ करते हुये आगे बढ़ने की प्रेरणा देते थे तो कभी खुद भी क्लास लेकर चुनौतियो से लड़ने और परिश्रम करने की समझाईश देते थे। उनकी इस प्ररेणा से हमने पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगाया तब जाकर परीक्षा में सफलता मिली। विक्रम और टीकम का कहना है कि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करेंगे। आज टीकम और विक्रम को सम्मानित करने के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी डी के कौशिक,डीएमसी रामेश्वर जायसवाल भी उपस्थित थे।
आईटी कालेज की बिल्डिंग में ही कलेक्टर मो कैसर अब्दुल हक की पहल पर जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ से अग्रगमन कोचिंग संस्था का संचालन किया जा रहा है। यहा गरीब एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को आवासीय सुविधाओं के साथ निजी कोचिंग संस्था के सहयोग से कक्षा 11वी से 12 तक एवं गणित, रसायन, भौतिक विषय सहित व्यावसायिक परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। इसके लिये जिले के स्कूलों से होनहार छात्रों का चयन किया जाता है। शिक्षा विभाग के माध्यम से अग्रगमन के विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जाता है।