कोरबा

कठोर श्रम के कार्यो में महिला भी पुरूष से कम नहीं

आयलीन बनी जिले की पहली लेडी हैंडपंप मैकेनिक
कोरबा – लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल जैसे मूलभूत आवश्यकता के संबंध में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हैण्डपंप का संधारण कार्य हैण्डपंप तकनीशियन द्वारा  किया जाता है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, खण्ड कोरबा के अंतर्गत जिले के पांच विकासखण्डों में लगभग कुल 13030 नग हैण्डपंप ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था हेतु स्थापित किये गये है। शासन के स्वीकृत पद संरचना के अनुसार प्रत्येक विकासखण्ड में छः-छः हैण्डपंप तकनीशियनों के पद स्वीकृत है। इस तरह जिले में कुल 30 हैण्डपंप तकनीशियन के पद स्वीकृत है। हैण्डपंप संधारण का कार्य काफी जटिल एवं कठोर श्रम का कार्य है, जिसमें हैण्डपंप तकनीशियन को जी.आई. पाईप ले जाना उठाना तथा सुधार कार्य में 12 इंच से 36 इंच तक के लोहे के भारी सुधार सामग्री के साथ कार्य करना पड़ता है। पूर्व में इस जिले में केवल कुल 09 हैण्डपंप तकनीशियन पदस्थ थे। वर्तमान में जिले में कुल 08 हैण्डपंप तकनीशियन के नियमित पद स्वीकृत किये गये हंै। जिले में दो महिला हैण्डपंप तकनीशियन कु. आयलीन टिर्की एवं श्रीमती कलेश्वरी कंवर को पदस्थ किया गया है। जिसमें से हैण्डपंप तकनीशियन के सुधार कार्य में चाहे बरसात हो अथवा मई-जून की भरी दोपहरी में हैण्डपंप सुधार हेतु यह अमला सदैव सक्रिय रहता है। पूर्व में इस पद पर केवल पुरूष हैण्डपंप तकनीशियन ही पदस्थ रहते थे, इसी तारतम्य में इस जिले में पदस्थ कु. आयलीन टिर्की मुख्यालय रजगामार द्वारा विकासखण्ड कोरबा के ग्राम गोढ़ी में हैण्डपंप संधारण का कार्य करते हुए यह सिद्ध कर दिया है कि हैण्डपंप सुधार जैसे जटिल एवं कठोर श्रम के कार्य में भी महिला हैण्डपंप तकनीशियन पुरूष तकनीशियन की तुलना में कमतर नहीं है।

cgnewstime

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