कबीरधाम जिले में वन अधिकार मान्यता पत्र के लिए आवेदन देने की प्रक्रिया शुरू
16 जुलाई से 31 अगस्त के बीच होगा समस्त आवेदनों का निराकरण
कवर्धा – कबीरधाम जिले में राज्य शासन द्वारा प्रदाय की जाने वाली वन अधिकार मान्यता पत्र का वितरण इस वर्ष किया जाएगा। वन अधिकार मान्यता पत्र के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया 16 जुलाई सोमवार से प्रारंभ हो गई है। आवेदन लेने से लेकर जिला स्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा किए जाने वाले अनुमोदन तक पांच चरणों में विभाजित किया गया है और इसके लिए निश्चित समय सीमा भी निर्धारित की गई है। कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने राजस्व एवं वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पूरी पारदर्शिता, सतर्कता और गंभीरता पूर्वक सभी प्रक्रियाओं का निराकरण करने के निर्देश दिए है। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा अब तक कबीरधाम जिले में 10 हजार 160 परिवारों को वनभूमि अधिकार पट्टा अंतर्गत लाभान्वित किया गया है।
कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने बताया कि राज्य शासन द्वारा इस वर्ष वन अधिकार मान्यता पत्र के आवेदन प्राप्त करने से लेकर उसके निराकरण तक पूरी प्रक्रिया को पांच चरणों विभाजित किया गया है। वन अधिकार मान्यता पत्र के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया 16 जुलाई से प्रारंभ होगी और 31 अगस्त तक निराकरण किया जाएगा। प्रत्येक चरणों को पूरा करने के लिए निश्चित समय अवधि निर्धारित की गई है। प्रथम चरण 16 से 23 जुलाई के मध्य होगा। इस अवधि में ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा आवेदन प्राप्त किया जाएगा। आवेदन के साथ उपबन्ध 1,2,3,4 जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण, वंश वृक्ष देना अनिवार्य है। दूसरा चरण 24 जुलाई से 6 अगस्त के मध्य निर्धारित है। इस अवधि में स्थल जांच प्रतिवेदन एवं पंचनामा तैयार किया जाएगा। इसके लिए ग्राम पंचायत सचिव, वन रक्षक और पटवारी द्वारा तैयार की जाने वाली प्रतिवेदन और पंचनामा में (नक्शा, खसरा, टोप्पो शीट, स्थल जांच पंचनामा एवं चौहद्दी रिपोर्ट सहित प्रतिवेदन शामिल है)। तीसरा चरण 7 अगस्त और 14 अगस्त के मध्य सात दिन निर्धारित है। इस अवधि में ग्राम सभा एवं वन अधिकार समिति द्वारा अनुमोदन किया जाएगा। चौथा चरण 16 अगस्त से 23 अगस्त के मध्य सात दिन निर्धारित है।इस अवधि में खंड स्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा अनुमोदन किया जाएगा। पाँचवा और प्रक्रिया का अंतिम चरण 24 अगस्त और 31 अगस्त के मध्य 7 दिन निर्धारित है। इस अवधि में जिला स्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा अनुमोदन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके लिए राजस्व और वन अधिकारियों को पूरी प्रक्रिया को समय में पूरा करने के निर्देश दिए है।