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छत्तीसगढ़ में न्यायिक सेवाओं का बजट 16 करोड़ से बढ़कर  अब 639 करोड़ रूपए : डॉ. रमन सिंह

मुख्यमंत्री ने जिला अधिवक्ता संघ के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को दिलाई शपथ

रायपुर-  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार आम जनता को सहज, निष्पक्ष और सुलभ न्याय दिलाने के लिए वचनबद्ध है। इस उद्देश्य से न्यायिक अधोसंरचनाओं का विकास और विस्तार तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा – राज्य निर्माण के समय वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ में विधिक अथवा न्यायिक सेवाओं का बजट सिर्फ 16 करोड़ रूपए था, जो आज बढ़कर 639 करोड़ रूपए हो गया है। इतना ही नहीं बल्कि इस दौरान अदालतों में न्यायिक अधिकारियों के पदों की संख्या 102 से बढ़कर 503 तक पहुंच गई है।
मुख्यमंत्री आज दोपहर राज्य के जिला मुख्यालय बिलासपुर में जिला अधिवक्ता संघ के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने मुख्य अतिथि की आसंदी से इन पदाधिकारियों को शपथ दिलाई और उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। डॉ. सिंह ने कहा – न्यायिक प्रक्रिया में वकीलों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसे ध्यान में रखकर उन्हें पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए हमेशा सजगता के साथ प्रयास करते रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा – बिलासपुर का जिला अधिवक्ता संघ प्रदेश का सबसे बड़ा जिला अधिवक्ता संघ है, जिसके लगभग चार हजार सदस्य हैं। उन्होंने अधिवक्ता संघ के आग्रह पर वाणिज्यिक-कर विभाग के पुराने कार्यालय भवन की जमीन संघ के कार्यालय भवन के निर्माण के लिए उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अमर अग्रवाल और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक और जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री सुरेश सिंह गौतम ने भी समारोह को सम्बोधित किया। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एन.डी. तिगाला, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले, संसदीय सचिव श्री तोखन साहू, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती हर्षिता पाण्डेय, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सवन्नी, नगर निगम बिलासपुर के महापौर श्री किशोर राय, राज्य विधिक परिषद के अध्यक्ष श्री प्रभाकर सिंह चंदेल भी उपस्थित थे।

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