विशेष लेख : संपर्क क्रांति – सड़क,पुल-पुलिया बनने से राह हुए आसान-गांव के विकास को मिली नई राह
कबीरधाम जिले में 15 वर्षों में 6 हजार 743.66 किलोमीटर पक्की सड़कों का निर्माण कर विकास की बुलंदियों को छूआ
प्रमुख उपलब्धियां
ग्रामीण अंचलों में 6 हजार 743.66 किलोमीटर पक्की सड़कों का निर्माण
राष्ट्रीय राज मार्ग की लम्बाई 77.9 किलोमीटर से बढ़कर 111.9 किलोमीटर हुई
राजकीय मार्ग की लम्बाई 126.9 किलोमीटर से बढ़कर 404 किलोमीटर हुई
30 उच्चस्तरीय पुल, 61 मध्यम किस्म तथा 1109 पुलिया का निर्माण से आमजन को मिली बड़ी राहत
बंजर नदी, हॉफ नदी और फोक नदी में उच्च स्तरीय पुलिया बनने से मध्यप्रदेश जाना आसान हुआ
आलेख -गुलाब डड़सेना
कवर्धा – देश, राज्य तथा जिले के विकास में अधोसंचना के क्षेत्र में पक्की सड़कों,पुल-पुलिया का महत्वपूर्ण योगदान होता है। कबीरधाम जिले में इन 15 वर्षोंं में 6 हजार 743.66 किलोमीटर पक्की सड़कों का निर्माण कर किया गया है। इन पक्की सडकों में बीच आने वाली सभी छोटी-बड़ी नदी-नालों में पुल-पुलिया का निर्माण भी किया गया है। जिले के प्रमुख फोंक नदी, हॉप नदी, आगर नदी सहित अन्य नदियों में में उच्च स्तरीय पुल का निर्माण भी कराया गया है। जिले में पक्की सड़कें और पुल-पुलिया के बनने से लोगों के बीच संपर्क और मेल-जोल भी बढ रहा है। गावों की तस्वीर बदली रही है। गांव के विकास में संपर्क का्रंति सड़क-पुल-पुलिया का महत्वपूर्ण योगदान भी रहा है। जिले में वर्तमान में चिल्फी-साल्ेहवारा मार्ग, बोडला-दलदली मार्ग को आवागमन की दृष्टि से पक्की सड़कें बनाई जा रही है। राह में आने वाली घाटियों को सुगम बनाने का काम चल रहा है। घाटियों में भी पक्की सड़के बनाने का काम चल रहा है,ताकि दूरस्थ अंचलों के निवासरथ ग्रामीणों को जिला मुख्यालय से जोड़ा जा सके।
कबीरधाम जिले में जिस तरह से यहां इन 15 वर्षों में ग्रामीण अंचलों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए 6 हजार 743.66 किलोमीटर की पक्की सडकों का निर्माण किया गया है, इससे ना केवल कबीरधाम जिले वासियों को लाभ मिला है, वरन इस पक्की सडकों ने कबीरधाम जिले में पर्यटन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जिले में राजकीय मागों को बेहतर बनाने का काम किया है। जिले में इसके आलावा बहुप्रतिक्षित मांग चिल्फी से साल्हेवारा,बोडला से रत्नगर्भा दलदली तक भी टू-लेन मजबूत पक्की सड़कों को निर्माण किया जा रहा है, ताकि जिले के इन दूर्गम तथा दूरस्थ अंचलों में निवासरत आदिवासी बैगा समुदाय को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके।
30 उच्चस्तरीय पुल का निर्माण किया गया
कबीरधाम जिले में ग्रामीणों को आवागन की बेहतर सुविधाएं देने के लिए 30 उच्चस्तरीय पुल का निर्माण किया गया है, इसमें उसरवाही-पंडरिया-दमोह मार्ग के बंजर नदी पर बनी उच्च स्तरीय पुल ने छत्तीसगढ़ तथा मध्यप्रदेश को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बंजर नदी पर पुल बनने से छत्तीसगढ़ सहित मध्य प्रदेश के 25 ग्राम पंचायतों को सीधा संपर्क मिल गया है। इसी प्रकार कुई से कुकदूर मार्ग के आगर नदी पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया गया है,इससे 18 ग्राम पंचायतों का संपर्क जिला मुख्यालय एवं तहसील मुख्यालय से हो रहा है। पथर्रा-पथर्री आमाघाट के फोंक नदी पर पुल निर्माण किया गया है इससे 20 ग्राम पंचातयों को सीधा लाभ मिल रहा है। डेहरी से पंडरिया मार्ग के सकरी नदी पर पुल निर्माण होने से 16 ग्राम पंचायतों को यातायात की सुविधा मिल है। जिले के पर्यटन एवं पुरात्ताविक महत्व के स्थल बकेला-पार्श्वनाथ-कंकालिन मार्ग के हॉप नदी पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया गया है। इस पुल के निर्माण होने से जिले के पर्यटन सुविधाओं को भी बल मिला है साथ ही जिले के रत्नगर्भा दलदली के वनांचल क्षेत्रों से भी संपर्क बढ़ा है, वहां के स्थानीय लोंगों के लिए बारहमासी संपर्क मिल गया है।
लक्ष्य निर्धारित कर कबीरधाम जिले में हुए बड़े काम
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में राज्य निर्माण के बाद इन 15 सालों में ग्रामीण सड़कों, पुल-पुलिया, दूरसंचार और विद्युत सुविधाओं सहित संपर्क क्रांति के विस्तार के लिए बड़े लक्ष्य निर्धारित कर विकास के मिशन मोड़ में तेजी से काम किया जा रहा है। इन 15 सालों में ग्रामीण अंचलों में 6 हजार 743.66 किलोमीटर पक्की सड़कों का निर्माण कर बंलंदियों को छूआ है। 15 वर्ष पहले ग्रामीण सड़कों की स्थिति महज 854.83 किलोमीटर ही थी। जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई में बढ़ौतरी की गई है। अब जिले में राष्ट्रीय राज मार्ग की लम्बाई 77.9 किलोमीटर से बढ़कर 111.9 किलोमीटर हो गई है। इसी प्रकार राजकीय मार्ग की लम्बाई 126.9 किलोमीटर से बढ़कर 404 किलोमीटर हो गई है। जिले में तेजी से सड़कों को विस्तार हुआ है और स्वीकृत कार्यों को तेजी से पूरा करने में राज्य सरकार प्रतिबद्धता से साथ काम कर रही है।