संचार क्रांति योजना की मोबाइल फोन पूरी तरह सुरक्षित
कबीरधाम के पंडरिया में मोबाइल फटने की शिकायत की जांच में फोन की बैटरी एवं अन्य उपकरण सुरक्षा मानकों के अनुरूप मिले
योजना के तहत वितरित फोन सौ प्रतिशत चार्जिंग के बाद स्वतः चार्जिंग को कर देता है बंद
कवर्धा में बनाए गए हैं माइक्रोमैक्स कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर
कवर्धा- राज्य सरकार की संस्था छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) के अधिकारियों ने बताया कि संचार क्रांति योजना के तहत हितग्राहियों को दिए जा रहे मोबाइल फोन सेट पूरी तरह सुरक्षा मानकों के अनुरूप है और पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। कबीरधाम जिले के पंडरिया नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 9 में निवासरत श्याम लाल धुलिया को मिले स्मार्ट मोबाईल फोन सेट पूरी तरह सुरक्षा मानकों के अनुरूप है एवं पूर्ण रूप से सुरक्षित भी मिले है। उनकी मोबाईल की बैटरी उसका चार्जिंग पॉइंट और अन्य उपकरण भी पूर्णतः सुरक्षित है और काम कर रहा है। हितग्राही के मोबाइल सेट रिप्लेस कर उन्हे नया स्मार्ट मोबाईल फोन दिया गया है। हितग्राही के मोबाइल की बैटरी में जलने के निशान पाए गए हैं,लेकिन वो बैटरी के सर्किट (पीसीबी) से दूर हैं। क्षतिग्रस्त फ़ोन को विश्लेषण के लिए माइक्रोमैक्स की प्रयोगशाला में भेजा।
कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने कबीरधाम जिले के पंडरिया में माबाईल क्षतिग्रस्त की घटना को संज्ञान में लेते हुए जांच टीम का गठन किया था। टीम में पंडरिया अनुविभागीय अधिकारी,मुख्य नगर पालिका अधिकारी और जिला प्रबंधक ई-गवर्नेन्स सोसायटी शामिल थे। टीम अधिकारियों ने बताया कि हितग्राही के मोबाईल की बैटरी में जलने के निशान पाए गए है, लेकिन वे बेटरी के सर्किट पीसीबी से दूर है। क्षतिग्रस्त फोन को विश्लेषण के लिए माइक्रोमैक्स की प्रयोग शाला में भेजा गया है। अधिकारियों ने बताया कि कबीरधाम जिले के पंडरिया के हितग्राहियों को दिए गए स्मार्टफोन (आईएमईआई – 911633552370781) के फटने की शिकायत मिली थी। जिले के प्रशासन के अधिकारी ने उनकी मोबाइल की बैटरी, उसका चार्जिंग पॉइंट और अन्य उपकरण भी पूर्णतः सुरक्षित मिले।
गौरतलब है कि बैटरी जलने की अवस्था में सबसे पहले सर्किट (पीसीबी) जलता है। अतः स्पष्ट है कि बैटरी ना तो जली है और ना फटी है। इन दोनों मोबाइल सेट के स्क्रीन टूटने की घटना बाहरी क्षति है। इसका मोबाइल की सुरक्षा और गुणवत्ता से कोई सम्बन्ध नहीं है। चिप्स के अधिकारियों ने संचार क्रांति योजना के तहत वितरित किए जा रहे स्मार्टफोन को पूरी तरह सुरक्षित बताया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र संस्थाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार परीक्षण कराने के बाद स्मार्टफोन का वितरण जा रहा है। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग अन्तर्गत कार्यरत एसटीक्यूसी (स्टैण्डराईजेशन टेस्टिंग एण्ड क्वालिटी सरटिफिकेशन) के द्वारा स्मार्ट फोन के समस्त कंपोनेंट्स का परीक्षण एवं प्रमाणीकरण वितरण के पूर्व कराया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि वितरित फोन की बैटरी भी बीआईएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्स) द्वारा प्रमाणित की गई है। तकनीकी अधिकारियों के अनुसार मोबाईल फोन को अधिक समय तक चार्ज किए जाने, अमानक अथवा गलत चार्जर का उपयोग करने, घर में अर्थिंग की समस्या होने, बैटरी के आसपास अत्यधिक नमी होने अथवा मोबाईल फोन के पानी में सम्पर्क में आने से ही बैटरी के फटने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। माइक्रोमैक्स द्वारा बताया गया कि मोबाइल को ज्यादा देर तक ओवर चार्जिंग न करे। जरूरत नहीं होने पर इंटरनेट चलाने के लिए उपयोग होने वाले डाटा फंक्शन को बंद कर रखें। इसके साथ ही मोबाइल को सीधे बिजली के तारों से कनेक्शन लेकर चार्ज न करें। मोबाइल में किसी भी तरह की तकनिकी खराबी या मोबाइल संचालन के लिए सही जानकारी लेने माइक्रोमैक्स कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर में संपर्क किया जा सकता है।
चिप्स के अधिकारियों ने यह भी बताया कि स्काई योजना के फोन की गुणवत्ता के संबंध में अभी तक कहीं से किसी प्रकार का शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पूरे देश में इस मॉडल के 30 लाख से ज्यादा फोन की बिक्री हो चुकी है और उनमें किसी तरह की शिकायत नहीं मिली है। अधिकारियों ने बताया कि वितरण से पूर्व फोन की गुणवत्ता की मान्यता प्राप्त संस्थाओं से जांच कराई गई है। स्मार्टफोन के उपयोग में आने वाले कंपोनेट्स का आरओएचएस (रिस्ट्रिक्शन ऑफ हेजर्डस मटेरियल्स) प्रमाणीकरण वितरण से पूर्व प्राप्त किया गया है। इसके अलावा स्मार्टफोन निर्माता कम्पनी द्वारा फोन निर्माण के पूर्व ’डिवाइस क्वालिफिकेशन टेस्ट’ तथा निर्माण के बाद ’प्रोडक्शन लाईन टेस्टिंग ’भी कराया गया है।