
जगदलपुर। बस्तर क्षेत्र में इस वर्ष नक्सलियों को निर्मम सदमा लगा है। नक्सल इतिहास में यह पहली बार है जब सुरक्षा बलों ने बड़े नक्सलियों को अपना निशाना बनाया है। अब तक 8.84 करोड़ रुपये के इनामी नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं. जिनमें दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के पांच प्रमुख नक्सली शामिल हैं, जिनपर 25-25 लाख रुपये का इनाम था।
सुरक्षाबलों ने अब तक 77 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता पाई है, जिसमें पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के कमांडर भी शामिल हैं। सुरक्षा बलों के मुताबिर, बस्तर में 14 डिविजनल कमेटी सदस्य स्तर के नक्सलियों को मुठभेड़ में ढेर किया गया है। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 90 से अधिक अभियानों में ढेर किए गए प्रमुख नक्सलियों में रणधीर, नीति, और रूपेश शामिल हैं।
नक्सलियों के एक लिखित बयान के अनुसार, पूरे देश में 253 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें से 226 बस्तर में हुए मुठभेड़ों में ढेर हुए हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि सुरक्षाबलों के प्रभावी अभियानों ने नक्सल संगठन को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। बस्तर में सरकार की ‘नियद नेल्ला नार योजना के तहत हुए विकास कार्यों का भी असर दिखाई दे रहा है, जिससे स्थानीय लोगों का भरोसा बढ़ा है। सुरक्षा बलों ने नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा कैंपों की स्थापना की है। इस वर्ष 21 कैंपों की स्थापना की गई है, जिससे नक्सली क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की पहुंच बेहतर हुई है।
बीजेपी सरकार के नेतृत्व में नक्सलियों के खिलाफ अभियान को तेज किया गया है, जिससे बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ एक नई उम्मीद जगी है। चार अक्टूबर को नारायणपुर में 38 नक्सलियों का मुठभेड़ के दौरान ढेर होना और 18 अप्रैल को कांकेर में 29 नक्सलियों का सफाया इसका प्रमाण है।