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रायपुर : मुख्यमंत्री की घोषणा के सिर्फ एक घण्टे के भीतर आदेश जारी : निगम-मण्डलों, आयोगों के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान

एक जुलाई 2018 से मिलेगा आर्थिक लाभ
अर्द्धशासकीय संस्थाओं और शत-प्रतिशत अनुदान प्राप्त
अशासकीय संस्थाओं के कर्मचारियों को भी मिलेगा इसका फायदा
अटल विकास यात्रा में डॉ. रमन सिंह ने दी सौगात

 

रायपुर : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की एक बड़ी घोषणा पर त्वरित अमल हुआ। उनकी घोषणा के एक घंटे के भीतर राज्य शासन के वित्त विभाग ने आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से प्रदेश के निगम- मण्डलों, आयोगों, अर्द्धशासकीय संस्थाओं और शत्-प्रतिशत अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं के कर्मचारियों के लिए छत्तीसगढ़ वेतन

 पुनरीक्षण नियम 2017 (सातवें वेतनमान) का लाभ देने का आदेश जारी कर दिया। 

    उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने आज दोपहर डोंगरगढ़ के प्रज्ञागिरि मैदान में राज्यसभा सांसद श्री अमित शाह के मुख्य आतिथ्य में आयोजित प्रदेशव्यापी अटल विकास यात्रा के शुभारंभ अवसर पर विशाल जनसभा में इन कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने की घोषणा की थी। उनकी घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए अटल नगर (नया रायपुर) स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) से एक घण्टे के भीतर वित्त विभाग ने सभी संबंधित विभागों को परिपत्र के रूप में आदेश जारी कर दिया। यह परिपत्र अध्यक्ष, राजस्व मंडल सहित शासन के समस्त विभागों, सभी संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को जारी किया गया है। परिपत्र में बताया गया है कि राज्य सरकार ने पूर्व में अपने-अधीन के निगम-मण्डलों, आयोगों, अर्द्धशासकीय संस्थाओं और शत-प्रतिशत अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं के कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 (छठवां वेतनमान) देने के निर्देश जारी किए गए थे। अब यह निर्णय लिया गया है कि इन कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 का लाभ दिया जाए।
परिपत्र के अनुसार राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि अपने अधीन कार्यरत इन संस्थाओं के कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के प्रावधानों के अनुसार वेतन पुनरीक्षित करते हुए एक जुलाई 2018 से इसका आर्थिक लाभ दिया जाए। अर्थात् एक जुलाई 2016 से 30 जून 2017 तक के वेतन निर्धारण की गणना काल्पनिक रूप से करते हुए आर्थिक लाभ एक जुलाई 2018 से देय होगा। इसके पूर्व के एरियर्स के संबंध में अलग-अलग से निर्णय लिया जाएगा। संबंधित विभाग राज्य से अनुदान प्राप्त संस्थाओं के कर्मचारियों के वेतन निर्धारण प्रकरणों की जांच स्थानीय निधि संपरीक्षा द्वारा छह महीने के भीतर अनिवार्य रूप से करवाएंगे।
परिपत्र में कहा गया है कि राज्य शासन से अनुदान प्राप्त संस्थाओं को छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 का लाभ संबंधित संस्थाओं के नियमों और उप-नियमों के अनुसार गठित संचालक मण्डलों/ प्रबंध बोर्ड तथा प्रशासकीय विभाग की अनुशंसा के बाद प्रस्ताव पर वित्त विभाग की सहमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। राज्य के ऐसे सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों/ मण्डलों/आयोगों/विकास प्राधिकरणों, जो स्थापना व्यय अथवा अन्य व्यय के लिए राज्य शासन से कोई अनुदान प्राप्त नहीं करते हैं, अगर वे स्वयं के स्त्रोत से संस्था के नियमित कर्मचारियों को राज्य शासन के कर्मचारियों के समान छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 का लाभ देना चाहें, तो अपने संचालक मण्डल की सहमति से ऐसा कर सकते हैं। शर्त यह होगी कि संबंधित सार्वजनिक उपक्रम संचित लाभ की स्थिति में हो और नये वेतनमान स्वीकृत होने पर अतिरिक्त व्यय की पूर्ति वर्तमान और भविष्य में भी अपने संसाधनों से करें।

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