छत्तीसगढ़रायपुर

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान 10 सितम्बर से छह चरणों में प्रदेश के 94.8 लाख बच्चों को दिया गया कृमि नाशक दवा

प्रदेश के 1.11 करोड़ बच्चों को कृमि नाशक खुराक दिए जाने का लक्ष्य

रायपुर : राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर 10 सितम्बर को प्रदेश में बच्चों को कृमि के संक्रमण से बचाने सातवें चरण के लिए व्यापक कृमि मुक्ति अभियान चालाया जाएगा। इस दौरान राज्य के एक से 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोरों को आंगनबाड़ी केन्द्रों और स्कूलों में कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलाया जाएगा। किसी कारण वश जिन बच्चों को 10 सितम्बर को कृमि नाशक दवाई नहीं खिलाई जा सकी हो उन्हें 14 सितम्बर को मॉप-अप दिवस पर कृमि नाशक दवा खिलाकर कृमि मुक्त किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 50 हजार 286 शिक्षकों और 47 हजार 593 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है।

    स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के लिए विभाग द्वरा सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। कृमि मुकित अभियान के पहले छह चरणों में प्रदेश के 94 लाख 08 हजार बच्चों को कृमि नाशक दवा दिए जा चुके है। सातवें चरण तक एक करोड़ 11 लाख बच्चो को कृमि नाशक दवा दिए जाने का लक्ष्य है। उल्लेखनीय है कि बच्चों को कई चरणों में कृमि नाशक दवा खिलाकर पूरी तरह से कृमि संक्रमण से निजात दिलाया जाता है। एक से दो वर्ष के बच्चों को आधी गोली और तीन से उन्नीस बर्ष तक के बच्चों को  पूरी एक गोली दिया जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि कृमि मुक्ति कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य छत्तीसगढ़ में लक्षित बच्चों और किशोरों के स्वास्थ एवं पोषण संबंधी स्थिति और संज्ञानात्मक विकास तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए उन्हें कृमि मुक्त करना है। कृमि संग्रमण के कारण बच्चों के स्वास्थ्य और समग्र विकास पर बूरा प्रभाव पड़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार भारत में 5 से 14 साल तक की उम्र के 22 करोड़ से भी अधिक बच्चों को कृमि संक्रमण होने की संभावना है। कृमि नाशक दवा एल्बेंडजोल(400मिलीग्राम) दवाई का सेवन एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय है।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिसस की तैयारी राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार बच्चों को दवाई खिलाने के लिए 50,286 शिक्षकों और 47,593 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है। कृमि नियंत्रण की दवाई एल्बेंडाजोल के सेवन से प्रतिकुल होने की संभावना बहुत कम होती है। जिन बच्चों को तीव्र कृमि संक्रमण होता है। उन्हे जी मचलाना, पेट दर्द , उल्टी दस्त और थकान के लक्षण देखे गए है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का कुपोषण और एनीमिया मुक्त भारत में अहम योगदान है। इसे राष्ट्रीय पोषण नीति के अंतर्गत शामिल किया गया है। जो नीति आयोग द्वारा दिसम्बर 2017 में तैयार किया गया है। जिससे वर्ष 2022 तक कुपोषण एवं एनीमिया में कमी लाने का सपना साकार हो सकें।

cgnewstime

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