breaking lineGlobal TradeScienceTechUncategorizedWorldनई दिल्ली

आज दोपहर पृथ्वी के करीब से गुजरेगा एवरेस्ट जितना बड़ा उल्कापिंड; पहले इसके धरती से टकराने की आशंका थी

नई दिल्ली: नासा ने इस उल्कापिंड को एस्टेरायड 1998 ओआर2 नाम दिया है। -प्रतीकात्मक चित्र

  • उल्कापिंड 31 हजार 319 किमी/घंटे की रफ्तार से पृथ्वी के पास से गुजरेगा
  • पृथ्वी से इसकी दूरी 63 लाख किमी, यानी चांद की दूरी के लगभग 16 गुना होगी
  •  बुधवार दोपहर अंतरिक्ष में एक बड़ी घटना होने वाली है। पृथ्वी के बगल से एवरेस्ट जितना बड़ा एक उल्कापिंड गुजरने वाला है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने करीब डेढ़ महीने पहले इस बात की जानकारी दी थी। नासा ने इस उल्कापिंड को एस्टेरायड 1998 ओआर2 नाम दिया है। यह 31 हजार 319 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्वी के पास से गुजरेगा।
  • हालांकि, इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह पृथ्वी से 39 लाख मील (63 लाख किलोमीटर) के फासले से गुजरेगा। यानी पृथ्वी से चांद की दूरी (3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर) के लगभग 16 गुना दूर। हालांकि, अंतरिक्ष विज्ञान में यह दूरी बहुत ज्यादा नहीं मानी जाती। पहले इसके पृथ्वी से टकराने की आशंका थी, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने साफ कर दिया है कि ऐसी कोई घटना नहीं होने वाली है।

    नासा ने इसे सबसे पहले 1998 में देखा था
    इस उल्कापिंड की चौड़ाई 1.5 मील (2.4 किलोमीटर) है। नासा ने इसे सबसे पहले 1998 में देखा था। यह 29 अप्रैल को भारतीय समयानुसार दोपहर बाद 3:25 बजे धरती के सबसे करीब होगा।

    घबराने की जरूरत नहीं

    नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज के मैनेजर पाउल कोडास ने कहा कि अभी ऐसे किसी भी आकार के कोई भी उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने की आशंका नहीं है। वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के आसपास से गुजरने वाले एक किलोमीटर तक आकार के 90% से अधिक उल्कापिंडाें को ढूंढ निकाला है और उन्हें ट्रैक भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उल्कापिंड का धरती की तरफ अगला चक्कर 18 मई 2031 के आसपास हो सकता है। तब यह 1.90 करोड़ किलोमीटर की दूरी से निकलेगा।

cgnewstime

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!