रायपुर : राज्य सरकार की संचार क्रान्ति योजना के तहत आज मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जिला मुख्यालय महासमुंद में आयोजित विकास यात्रा की विशाल आमसभा में कई हितग्राहियों को निःशुल्क मोबाइल स्मार्ट फोन का वितरण किया। इस योजना के तहत दस लाखवां मोबाइल फोन भी मुख्यमंत्री के हाथों आज महासमुंद में वितरित किया गया। डॉ. सिंह ने कहा कि संचार क्रांति योजना के तहत मोबाइल फोन वितरण शुरू होने के लगभग एक महीने के भीतर दस लाख महिला हितग्राहियों को हैण्डसेट का वितरण पूर्ण होना एक बड़ी उपलब्धि है। इस योजना में चालीस लाख बहनों और कॉलेज स्तर के पांच लाख विद्यार्थियों को मोबाइल फोन देने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने महिलाओं और छात्र-छात्राओं के सशक्तिकरण के लिए इस प्रकार की योजना की शुरूआत की है।
अधिकारियों ने बताया कि स्मार्टफोन वितरण के लिए योजना के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 17 अगस्त से मोबाइल तिहार भी मनाया जा रहा है, जो एक अक्टूबर तक चलेगा। चालू माह सितम्बर की 23 तारीख से राज्य के कॉलेज स्तर के विद्यार्थियों को मोबाइल फोन बांटे जाएंगे। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 26 जुलाई 2018 को बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित समारोह में संचार क्रांति योजना का शुभारंभ किया था। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में 30 जुलाई को आयोजित कार्यक्रम में इस योजना के तहत मोबाइल तिहार के साथ वितरण कार्य की शुरूआत की गई थी। मुख्यमंत्री अब तक रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और आज महासमुंद के मोबाइल तिहार में शामिल हो चुके हैं, जहां उन्होंने प्रतीक स्वरूप कई महिलाओं को मोबाइल फोन का वितरण किया है और सेल्फी लेना भी सिखाया। संचार क्रांति योजना का संचालन छत्तीसगढ़ सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की संस्था ‘चिप्स’ द्वारा किया जा रहा है।
चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एलेक्स पॉल मेनन ने आज रायपुर में बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल फोन वितरण के लिए निर्धारित प्रत्येक केन्द्र में 8 काउन्टर बनाए गए हैं, जहां हितग्राहियों को उनके आवेदन पत्रों पर बार कोड अंकित पावती भी दी जा रही है। हितग्राही के आने पर उन्हें ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण कर मौके पर ही मोबाइल फोन दिया जा रहा है। उन्हें हैण्डसेट और मोबाइल-एप्प चलाने के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं। बारकोड के जरिए वितरण में समय भी कम लग रहा है।