दुर्ग : दुर्ग संभागायुक्त श्री दिलीप वासनीकर की अध्यक्षता में कल संभागीय जल उपयोगिता समिति की बैठक हुई। बैठक में दुर्ग संभाग के अंतर्गत स्थित जलाशयों में जलभराव की स्थिति और आने वाले समय में जल उपयोग पर चर्चा की गई। बैठक में वर्तमान समय में कृषि कार्य के लिए पानी की अनुमानित खपत के साथ-साथ गर्मी के समय में पेयजल एवं निस्तारी जल के लिए भी जल की मात्रा पर विस्तारित चर्चा हुई। बैठक में तांदुला जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री समीर जार्ज ने जलाशयों में जल भराव की वर्तमान स्थिति व जल उपयोग के लिए बनायी गई कार्ययोजना की जानकारी दी।
दुर्ग संभाग के अंतर्गत एक वृहद एवं 17 मध्यम योजनाएं है। जिससे एक लाख 90 हजार 280 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होता है। वर्ष 2018-19 में तांदुला वृहद परियोजना से एक लाख एक हजार 857 एवं 17 मध्यम योजनाओं से 80 हजार 858 हेक्टेयर में क्षेत्र खरीफ सिंचाई हेतु प्रस्तावित किया गया है। तांदुला परियोजना की कुल जल भण्डारण क्षमता 302.31 मिली घनमीटर है। जो इस वर्ष शत्-प्रतिशत् भराव हो गया है। इसी प्रकार अन्य जलाशयों में भी जल भराव की स्थिति काफी अच्छी है।
कमिश्नर श्री वासनीकर ने कहा है कि जल का समुचित उपयोग किया जाए। अनावश्यक रूप से जलाशयों से पानी ना छोड़ा जाए। लोगों की मांग और आवश्यकतानुसार ही पानी छोड़ा जाए। उन्होंने आगामी ग्रीष्मकालीन के दौरान जल की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए स्टोर रखने कहा है। उन्होंने सभी जिलों के जल संसाधन एवं कृषि विभाग के अधिकारियों से उनके जिलों में वर्षा की स्थिति, कृषि कार्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। वर्तमान में सभी जिलों में वर्षा की अच्छी स्थिति बतायी गई।
बैठक में विधायक श्री अरूण वोरा, वैशाली नगर विधायक श्री विद्यारतन भसीन एवं महापौर दुर्ग श्रीमती चन्द्रिका चन्द्राकर ने जल भराव की स्थिति से रू-ब-रू होते हुए आवश्यकता के अनुसार किसानों के मांग पर जल प्रदाय करने कहा है। बैठक में संभाग के पांचों जिलों के वरिष्ठ अधिकारीगणों के साथ ही जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विद्युत विभाग एवं कृषि विभाग के पांचों जिलों के अधिकारीगण उपस्थित थे।