कवर्धा- यह तस्वीर किसी राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल जैसे दार्जलिंग, शिमला, कुल्लू-मनाली या फिर उंटी की नही है। यह तस्वीर छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले की है। दरअसल संपूूर्ण कबीरधाम की वादियां की मैकल पर्वल की विशाल श्रृख्लां की तलहटी पर बसा हुआ है। इस हिस्से को सतपुड़ा के घने जंगल का क्षेत्र भी कहा जाता है। यह तस्वीर उसी विशाल मैकल पर्वत श्रृख्ला की एक हिस्से की है। वेसे तो पूरा कबीरधाम छत्तीसगढ़ पर्यटन का एक अभिन्न अंग है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कबीरधाम जिले में पर्यटन के विकास और विस्तार भी किया गया है। विदेशी और घरेलू पर्यटकों की सुख-सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उनके ठहरने के लिए मैकल पवर्त माला (चिल्फी घाटी) की सरोधा दादर में काॅटेज बनाए गए है। भोरमदेव मंदिर के समीप ही जहां से भोरमदेव अभयारण की शुरूआत होती है उस शुरूआती हिस्से में पर्यटक विश्राम गृह (नागमोरी) बनाए गए है।
कबीरधाम जिला छत्तीसगसढ़ की राजधानी रायपुर (अंतराष्ट्रीय हवाई मार्ग) से महज 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां आने के लिए वाताअनुकुलित नाॅन स्टाॅप बस सेवाए उपलब्ध है, जो महज 2 घटे 30 मीनट के कम समय में रायुपर से कवर्धा पहुंचा देती है। कवर्धा शहर में स्थनीय स्तर पर ठहने के लिए निजी हाॅटल उपलब्ध है। खानपान की दृष्टि से महानगरों की तुलना में बहुत ही सस्ता है। यहां के स्थानीय रेस्टॉरेंट व हाॅटलों में 70 से 80 रूपए मे थाली खाना उपलबध है।
नेेचुरल ब्यूटी (प्राकृतिक सौदर्य)को देखने के लिए कबीरधाम एक बेहतर पर्यटन के विकल्प के रूप में चुना जा सकता है।