बेमेतरा

ग्राम झालम में गौठान बनने से पशुओं की हो रही सुरक्षित देखभाल 

खिलेस्वर घृतलहरे

बेमेतरा – छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाडी के क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन द्वारा बेमेतरा- नवागढ़ मुख्य मार्ग में बसे आदिवासी बाहुल्य ग्राम झालम में गौठान निर्माण के साथ साथ नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी विकास के कार्यो को संपादित कराये जाने के लिए प्रस्तावित किया जाकर कार्य पूर्ण कराया गया। ज्ञातव्य हो कि ग्राम पंचायत झालम मुख्यालय से समिपस्थ 13 किमी की दुरी पर स्थित है।
ग्राम में पूर्व से गौ-अभ्याण्य होने के उपरांत भी गांव के पशुओं के समुचित प्रबंधन ग्रामीणो द्वारा स्वतः ही किया जाता रहा। यहां पशुओं के प्रबंधन के लिए पारंपरिक तरिका का ही प्रयोग किया जाता रहा। गांव में चारे की समुचित व्यवस्था नही होने के कारण पशु ग्रामीणों की खेती को नुकसान पहुंचाते थे। झालम में लगभग माह मार्च-अप्रेल तक खेतों में फसल लहलहाते है। ऐसे में गौठान निर्माण कर गांव के सभी पशुओं को गौठान के भीतर ही सुनियोजित तरिके से रखे जाने से फसल की नुकसानी में कमी आएगी। गांव में गौठान निर्माण से ग्रामीण अत्यधिक प्रसन्नता महसुस कर रहे। पशुपालन विभाग के सर्वे के अनुसार कुल 470 पशुधन है। जो कि गौठान स्थल पर उपलब्ध होते। यहां पशु चराई की परंपरागत प्रक्रिया के तहत ग्रामीण चरवाहों के माध्यम से पशुओं की चराई की जाती रही है। इसी क्रम में जिला प्रशासन द्वारा प्रचलित गौठान को आधुनिक रूप से विकसित करने की पहल की गई, जिसमें पशुओं के लिए समुचित पेयजल प्रबंधन के लिए पानी टंकी के निर्माण, छाया व्यवस्था हेतु शेड का निर्माण, पशुओं के लिए ग्रामीण जनो के सहयोग से चारे का संकलन, कोटना का निर्माण किचड आदि के बचाव के लिए भूमि विकास कार्य, सीपीटी निर्माण कार्य, पौधरोपण कार्य, आदि का निर्माण कराया गया है। साथ ही साथ ग्राम पंचायत में लगभग 10 एकड़ भूमि में पशुओं लिए चारागाह का विकास ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया है। जिसमें मक्का, ज्वार के साथ-साथ नेपियर घास भी रोपित किए गए है।
मवेशियों के उचित प्रबंधन, देखरेख के लिए ग्राम स्तर पर गौठान प्रबंधन समिति का चयन किया गया है जिनके द्वारा गौठान का संचालन प्रारंभ कर दिया गया है। गौठान के संबंध में समिति द्वारा नियमित बैठक आयोजित कर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिसमें पशु अवशेषों का वैज्ञानिक तरिके से प्रबंधन कर गोबर से आधुनिक खाद तैयार करने, गौ-मूत्र से किटनाशक तैयार करने एवं गौठान स्थल पर विभिन्न प्रकार के आर्थिक गतिविधि संचालित करने हेतु प्रस्ताव तैयार किया गया है। उद्यान विभाग द्वारा बाड़ी विकास का कार्य एवं कृषि विभाग द्वारा भू-नाडेब एवं घुरवा पलटने का कार्य ग्राम पंचायत में कराया गया है। एवं नालो के प्रबंधन के लिए सिंचाई विभाग के साथ कृषि विभाग के माध्यम से कराया जाना प्रस्तावित है। प्रकाश सर्वे मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत , दीपक ठाकुर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, नवीन साहू, परियोजना अधिकारी, अरविन्द कश्यप कार्यक्रम अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा ग्रामीणों की बैठक आयोजित कर शासन की इस महत्वपूर्ण पहल की जानकारी सरपंच, सचिव ग्राम पंचायत एवं ग्रामीणों को दी गई एवं शासन के इस पहल में अपनी भूमिका सुनिष्चित करने निवेदन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्य में स्थानीय सरपंच ग्राम पंचायत झालम श्रीमती प्रमिला यादव, उपसरपंच शत्रुहन नेताम, सचिव श्रीमती रूखमणी, रोजगार सहायक कु. लिकेश्वरी एवं अन्य ग्रामीण सियाराम यादव, मथुरा ध्रव, लता ध्रव आदि ग्रामीणों की सक्रिय भूमिका रही ।

 

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