कबीरधाम जिले के कुकदूर वनांचल क्षेत्र के बच्चों को मिल रहा है पोषण पुर्नवास केन्द्र का लाभ
एनआरसी के रखकर बच्चों का कर रहे है उचित देखभाल
कलेक्टर ने कूकदूर में संचालित कुपोषित बच्चों के पोषण पुर्नवास केन्द्र एनआरसी का निरीक्षण किया
कवर्धा- कबीरधाम जिले के बैगा-आदिवासी बाहूल पंडरिया की कुकदूर और बोड़ला सहित झलमला में संचालित पोषण पुर्नवास केन्द्र से वनांचल क्षेत्र के बच्चों को विशेष लाभ मिल रहा है। कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने पंडरिया विकाखण्ड के सुदूर वनांचल क्षेत्र कुकदूर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में संचालित पोषण पुर्नवास केन्द्र का अचानक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान इस केन्द्र के सभी दस बिस्तरों पर बच्चों के साथ उनके माता एवं अभिभावक मिले। कलेक्टर ने बच्चों के माता और उनके अन्य अभिभावकों से वार्तालाप शैली में पोषण पुर्नवास केन्द्र के लाभ और इस केन्द्र से बच्चों को मिलने वाले फायदें भी बताए। माता एवं अभिभावकों ने चर्चा करते हुए बच्चों को मिले लाभ के बारे में बताया।
पोषण पुर्नवास केन्द्र में वनांचल क्षेत्र कोडमा से अपने बच्चे का उपचार कराने आई मोनू की माता ने कलेक्टर श्री शरण को बताया कि वह अपने बच्चें मोनू का उपचार करने यहां आई है। पोषण पुर्नवास केन्द्र में अपने घर से भी ज्यादा बच्चों का विशेष देखभाल किया जा रहा है। दिन में दो बार सुबह-शाम डाक्टर और स्टॉप यहां आकर बच्चों के सेहत से जुडे जानकारी लेते है। बच्चे सुबह क्या खाए और शाम को क्या खाए। बच्चों की दिन भर की दिनचर्या कैसे रही इस बारे में विशेष जानकरी भी ली जाती है। मोनू की माता ने यह भी बताया कि यहांं बच्चों के साथ आए माता और उनके अभिभावकों को भी विशेष देखभाल किया जाता है। बच्चों के मनोरंजन के लिए खेल समाग्री और बड़े लोगों के लिए टीवी की व्यवस्था की गई है। उनका यह भी कहना है कि यहां आने के बाद यह भी जानकारी मिली की बच्चों के स्वस्थ्य सेहत के लिए क्या-क्या पोषण आहार देना चाहिए और क्या नहीं।
कलेक्टर श्री शरण ने कुकदूर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी डॉ साधु को निर्देशित करते हुए कहा कि पोषण पुर्नवास केन्द्र का लाभ वनांचल क्षेत्र के गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों को विश्ेष तौर पर दे। महिला एवं बाल विकास विभाग की सीडीपीओ से समन्वय बनाकर कुपोषित बच्चों को नियमित रूप से उपचार हो सके इसके लिए अग्रिम सूची बनाकर रखे। कलेक्टर ने मैनू के आधार पर बच्चों को पोषण आहार देने के भी निर्देश दिए।
प्रभारी अधिकारी डॉ प्रसंगिना साधु ने बताया कि कुकदूर उपस्वाथ्य केन्द्र में 22 अगस्त से पोषण पुर्नवास केन्द्र एनआरसी केन्द्र संचालित हो रही है। एक माह की इस कम अवधि में अब तक 15-15 दिनों को तीन बेच संचालित किए गए है। अब तक लगभग 45 बच्चों का उपचार किया जा चुका है। उन्होने यह भी बताया कि पोषण पुर्नवास केन्द्र में कुपोषित बच्चों को कम से कम 15 दिनों तक रहना अनिवार्य है। इस पन्द्रह दिनों में बच्चों को दिए जाने वाले पोषण आहार से यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि बच्चों को वर्तमान वजन क्या है और जब वह यहां भर्ती हुए थे तक उनका वजन क्या था। उन्होने यह भी बताया कि इस पुर्नवास केन्द के माध्यम से छह वर्ष तक के बच्चों का उनके उम्र के आधार पर उनके वजन और शारीरिक तथा मानसिक विकास सही से हो पा रहा है अथवा नहीं इस पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुपोषित बच्चों के लिए सोमवार से रविवार पूरे एक सप्ताह तक का मैनू निर्धारित है। निर्धारित मैनू के आधार पर मिठा दलिया, हलुवा, खीचड़ी, मिक्स सब्जी, दुध, फल,बच्चों को दिया जा रहा है। उन्होने यह भी बताया कि बच्चों को सुबह 8, 10, 12, 2,4, शाम 6 और रात्रि 8 बजे नास्ता-भोजन प्रदाय किए जा रहे है। वनांचल क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान पंडरिया एसडीएम श्री प्रकाश टंडन, आदिम विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री आरएस टंडन, जनपद पंचायत सीईओ श्री नवीन भट्ट, लोक निर्माण और आरईएस विभाग के एसडीओ डॉ स्वप्निल साधु सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।