कबीरधाम प्रदेश का पहला जिला जहां टीबी और कुपोषण की जंग लड़ी जा रही है साथ-साथ
प्रोटीन पाउडर से सुपोषित हो रहे कबीरधाम जिले के बच्चे
कबीरधाम जिले की अनूठी पहल, फूड बास्केट में अतिरिक्त व्यवस्था
टीबी से ग्रसित 0 से 14 साल को दिया जा रहा प्रोटीन
कवर्धा – कुपोषण मुक्ति की ओर सरकार अग्रसर है। सभी आवश्यक पोषक तत्वों का समावेश कर कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने फूड बास्केट तो दिया जा रहा है। सुपोषण की ओर एक कदम बढ़ाते हुए कबीरधाम जिले ने अनूठी पहल करते हुए कुपोषित और टीबी से ग्रसित बच्चों को सुपोषित करने फूड बास्केट में अलग से प्रोटीन पाउडर वितरित किया रहा है। अनूठी पहल के साथ कबीरधाम प्रदेश का पहला जिला है जहां टीबी और कुपोषण मुक्ति की जंग साथ-साथ लड़ी जा रही है, इससे जिले में संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को अतिरिक्त बल भी मिल रहा है।
प्रोटीन बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। खासकर टीबी बीमारी के चलते बच्चे कमजोर हो जाते हैं। इस दौरान यदि पोषक आहार उन्हें ना दी जाए तो उनका विकास रुक जाता है। इसे देखते हुए कवर्धा जिला क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष व्यवस्था की गई है। बीते अगस्त माह से जिले में सुपोषण फूड बास्केट के साथ-साथ प्रोटीन पाउडर वितरित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य सुपोषण और टीबी के इलाज के साथ-साथ बच्चों का संपूर्ण विकास सुनिश्चित करना है। संदीप चंद्राकर जिला क्षय नियंत्रण कार्यक्रम कार्डिनेटर के मुताबिक फूड बास्केट के साथ-साथ जिले के 0-14 साल के बच्चे जो टीबी से ग्रसित हैं उन्हें प्रोटीन पाउडर दिया जा रहा है।
60 के आसपास चिन्हांकित- सीएमएचओ डॉ. एस. के. तिवारी ने बताया टीबी से पीड़ित बच्चों के विकास के लिए पोषक तत्वों की जरूरत होती है। बच्चों के मानसिक विकास के लिए भी प्रोटीन सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसे देखते हुए अन्य पोषक तत्वों के साथ ही जिले के टीबी से ग्रसित में 0-14 वर्ष के बच्चों को प्रोटीन पाउडर भी दिया जा रहा है। जिला टीबी नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारियों के मुताबिक बीते वर्ष 663 टीबी के मरीज चिन्हांकित हुए थे वहीं इस वर्ष जनवरी 2019 से अगस्त 2019 के मध्य 493 टीबी मरीज मिले थे। इनमें से लगभग 60 बच्चे शामिल हैं जिनका उपचार और देखरेख जिला क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत हो रहा है।
बैग से टीबी बचाव का संदेश – पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला क्षय नियंत्रण समिति द्वारा टीबी से बचाव के लिए जागरूकता के लिए एक खास तरह का बैग भी तैयार किया गया है। “चाहिए नेतृत्व अपार, टीबी मुक्त हो संसार” स्लोगन के सहारे बैग में टीबी बीमारी के लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी दी जा रही है। दो हफ्ते से ज्यादा खांसी टीबी हो सकती है, इसका संदेश बैग के जरिए लोगों तक पहुंचाया जा रहा।