आपदा के समय सारा देश बना एक परिवार : जिले में अन्य राज्यों के लोगों का हो रहा सत्कार
वहीं अन्य राज्यों में रह रहे लोगों को वहां मिल रही पनाह : जिले में आए लोगो के लिए बन रहे राहत शिविर
कोण्डागांव:शास्त्रों मे ‘वसुधैव कुटुम्बकम‘ को आदर्श माना गया है अर्थात उदारचित्त वाले लोगो के लिए सम्पूर्ण विश्व ही एक परिवार के जैसी होती है इसी को चरितार्थ करते हुए वर्तमान कोरोना आपदा काल मे पूरा देश एक परिवार बन गया है। जिले के कई श्रमिक अन्य राज्यों में आजीविका की तलाश में गए थे जो विगत दिनों चल रही देशव्यापी तालाबन्दी में वापिस घर आने का अवसर प्राप्त नही हुआ वे अन्य राज्यों में खुद को फंसा हुआ पा रहे थे ऐसे में माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन सभी श्रमिकों एवं उनके परिवारों को उनकी सकुशलता का विश्वास दिलाया और सभी की सकुशलता के लिए अन्य राज्यों से सक्रिय साझेदारी करने के लिए हाँथ बढ़ाया साथ ही राज्य में फसें अन्य राज्यों के लोगों के लिए सभी आवश्यक इंतेजाम करने का आदेश प्रशासन को दिया। जिस पर संवेदनशीलता पूर्वक कार्यवाही करते हुए जिला कलेक्टर नीलकण्ठ टीकाम ने सभी प्रवासी श्रमिकों की सूची तैयार कर उन सभी से संपर्क साधने के प्रयास तेज कर दिए। सूची अनुसार 6199 धनोपार्जन के लिए अन्य राज्यों में गए थे जिनमें से 1109 श्रमिको के सकुशल वापिस अपने गृहग्राम लौटने की बात सामने आई। शेष 5143 श्रमिक अभी भी अन्य राज्यों में रह रहे हैं। ऐसे में जिले में लौटे इन श्रमिको को जिला प्रशासन ने घरों में ही क्वारेंटाइन किया साथ ही मास्क, सैनिटाइजर, चावल, दाल एवं राशन सामग्री भी प्रदान किया गया है।
जिला प्रशासन अन्य राज्यों में रुके श्रमिकों से लगातार संपर्क बना रखा है और संबंधित राज्य सरकारों एवं अधिकारियों से भी निरन्त संपर्क एवं सहयोग श्रमिकों को प्राप्त हो रहा है जो यहां उनके परिजनों के माथे की चिंता की लकीरों को मिटाने का कार्य कर रहा है। इस पर कलेक्टर ने बताया कि अन्य राज्यों से संपर्क लगातार बनाया गया है और उन राज्यों ने विश्वास दिलाया है कि उनके यहां सभी रह रहे लोगों का सम्पूर्ण ख्याल रखा जाएगा और सभी लोगो को निरन्तर स्वास्थ जांच मेडिकल टीमों द्वारा किया जाता है साथ ही खाने के लिए उत्तम भोजन का भी प्रबंध है। इसके अलावा जिले के अधिकारी दिन रात सभी लोगो से दूरसंचार माध्यमों से जुड़े हैं किसी भी प्रकार की आवश्यकता उन्हें होने पर वहां के स्थानीय प्रशासन को उनकी सूचित कर उनकी मदद की जाती है। ज्ञात कि जिले के बाहर रह रहे श्रमिकों के लिए हेल्प लाइन नंबर 07786-242180 की शुरुआत की गई है। जिसमे कोई भी व्यक्ति या उसके परिजन जो जिले के निवासी हैं अपने अन्य राज्यों में रह रहे व्यक्ति की सूचना दे सकते हैं जिससे उनतक आवश्यक मदद पहुंचाई जा सके।
अन्य राज्यों से आये 104 लोगो का जिले में हो रहा सत्कार
‘अतिथि देवो भवः‘ की परंपरा को सार्थक करते हुए अन्य राज्यों के जिले में रह रहे 104 लोगों का जिला प्रशासन पूरी संवेदनशीलता से ख्याल रख रहा है। इसके तहत इन सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच के साथ सभी के लिए स्वच्छ जल एवं उत्तम भोजन का प्रबंध किया गया है तथा जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं अन्य अधिकारियों द्वारा इन राहत शिविरों का निरीक्षण निरंतर किया जाता है। इन शिविरों में रह रहे 104 लोगों में से तेलंगाना के 18 राजस्थान के 27 झारखंड के 2 बिहार के 15 पश्चिम बंगाल के 34 लोग शामिल हैं।
नए 4 राहत शिविर बनाये गए
सीईओ जिला पंचायत डी एन कश्यप ने बताया कि जिले के निवासी जो अन्य कोविड-19 प्रभावित राज्यों से लौटे हैं ऐसे 18 लोगों के विषय मे जानकारी प्राप्त होने के बाद उनको उनके गांवों में ही पृथक रख कर राहत शिविरों का आयोजन किया जा रहा है जिसके लिए बयानार, चलका, मुंगवाल, टेमरुंगाँव के भंडारा महाराष्ट्र से लौटे लोगों सभी 18 लोगों को इन राहत शिविरों में रखा गया है। इन शिविरों में इनके लिए सभी आवश्यक इंतेजाम भी कर दिए गए हैं।
उज्जैन में गए ‘मंगेश्वर‘ ने बताया हाल
मध्यप्रदेश के उज्जैन में ईंट भट्टी में कार्य के लिए बाँसकोट से गये श्रमिकों में से 25 वर्षीय मंगेश्वर पिता सुकमन ने बताया कि वर्तमान में उसकी स्वास्थ्य जांच हो चुकी है और वह सकुशल है। उसने बताया कि वहां के स्थानीय प्रशासन के सभी अधिकारी से बहुत सहयोग उन्हें प्राप्त हो रहा है साथ ही कोण्डागांव से जिला प्रशासन द्वारा लगातार संपर्क बना हुआ है। उसकी सकुशलता पर उनके परिजनों ने भी हर्ष व्यक्त किया है साथ ही जिला प्रशासन को इस संवेदनशीलता के लिए साधुवाद भी दिया।