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संगी एक्सप्रेस की मदद से लॉकडाउन में 37 परिवारों में किलकारियां गूंजी

Ashok Sahu

कोविड -19 से रोकथाम के बचाव के लिए विशेष ध्यान

कवर्धा- ज़िले की बाइक एंबुलेंस (संगी एक्सप्रेस) सेवा लॉक डाउन में गर्भवाती महिलाओं के लिए संजीवनी से कम नही है । वही आजकल कोविड-19 के खतरे से बचने के लिए चालकों द्वारा भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है ।

तेज बुखार, सर्दी खांसी के मरीज़ मिलने पर तुरंत मुख्यालय को सूचित कर टीम के माध्यम से जांच करवाई जा रही है और उसके बाद ही उन्हें गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए सैनिटाइजर और मुंह पर मास्क बांधते हैं। लाने वाले मरीज के साबुन से हाथ धुलवाकर सैनिटाइज करवाते है और मरीज को मुंह पर कपड़ा बांधने की सलाह भी दी जा रही हैं ।

कबीरधाम जिले में 5 बाइक एंबुलेंस के माध्यम से ज़िले के दुर्गम क्षेत्र के 150 से अधिक गांवों के लोगों के लिए 15 जुलाई 2018 में बाइक एंबुलेंस सेवा साथी समाज सेवी संस्था के सहयोग से शुरू की गई थी।
लॉक डाउन के समय में बाइक एंबुलेंस की मदद से 37 परिवारों में किलकारियां गूंजी है ।

कबीरधाम जिले के कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण के अनुसार जिले के सुदूर ग्रामीण इलाकों में जहां गाड़ियां नहीं पहुंच सकती वहां के लिए बाइक एंबुलेंस सेवा लोगों द्वारा काफी पसंद की जा रही है। लॉक डाउन के दौरान जच्चा-बच्चा से लेकर अन्य लोगों को इससे काफी मदद भी मिली है। जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो निश्चित तौर पर पांच एंबुलेंस को बढ़ाया भी जा सकता है।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक कबीरधाम श्रीमती नीलू धृतलहरे ने बताया लॉक डाउन के दौरान जिला कलेक्टर श्री शरण द्वारा जिले की पहाड़ी क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं, शिशु और वृद्धों को शीघ्र अति शीघ्र स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए है। जिले में बाइक एंबुलेंस के सहयोग से स्वास्थ्य केन्द्रों तक 37 गर्भवती महिलाओं को लाकर संस्थागत प्रसव कराए गए ।
गर्भवती महिलाओं के लिए है जीवनदायिनी,
झाड़-फूंक या जड़ी-बूटी के भरोसे रहने वाले लोगों के लिये संजीवनी साबित होने वाली बाइक एंबुलेंस का सबसे ज्यादा लाभ गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को मिल रहा है।

बाइक एंबुलेंस कॉल करने के बाद तुरंत मरीज़ को दुर्गम क्षेत्र से लेने निकल जाती है । बाइक एंबुलेंस से मरीज को लेकर आना काफी सुरक्षित रहता है और मरीज के साथ एक परिजन, मितानिन और चालक होता है जो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाता है। गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों को नियमित जांच और टीकाकरण के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध होती है।

लॉक डाउन (22 मार्च से 15 अप्रैल 2020 ) में प्रदान सेवाऐं
दलदली, बोक्करखार, झलमला, कुकदूर और छिरपानी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल 257 केस आए, जिसमें डिलिवरी के 37, डिलिवरी ड्राप के 52, ए एन सी जॉच के 62 वहीं नवजात के 55 और एमरजेंसी की 53 लोगों कोसेवाऐं लॉकडाउन में के दौरान दी गयी।

कुकदूर के अंतर्गत 32 गॉव है। इनमें डिलिवरी के 7, डिलिवरी ड्राप के 14,नवजात के 6, एमरजेंसी के 11 केस में सेवाऐं दी गई ।

छिरपानी के अंतर्गत 29 गॉव है जहॉ डिलिवरी के 4, डिलिवरी ड्राप के 3, ए एन सी जॉच 6 गर्भवतियों की हुई वहीं, एमरजेंसी में 8लोगों को बाइक एंबुलेंस के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाऐं मिली है।

बोक्करखार के अंतर्गत 22 गॉव है जहॉ डिलिवरी के 6, डिलिवरी ड्राप के 12,ए एन सी जॉच के 16,नवजात उपचार के 15, और एमरजेंसी में 10 को सेवा मिली ।

दलदली के 29 गाँव में डिलिवरी के 13, डिलिवरी ड्राप के 13,ए एन सी जॉच के 02,नवजात उपचार के 02 और एमरजेंसी में 10 लोगों को बाइक एंबुलेंस द्वारा स्वास्थ्य सेवा मिली है ।

इसी तरह झलमला के अंतर्गत 38 गॉव मे डिलिवरी के 7,डिलिवरी ड्राप के 10 , ए एन सी जॉच के 30, नवजातउपचार के 32, और एमरजेंसी के 14 लोगो को स्वास्थ्य सेवाऐं दी गई ।

 

cgnewstime

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