आर्थिक पैकेज की पांचवीं किस्त का ऐलान आज, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 बजे करेंगी प्रेस कॉन्फ्रेंस
नई दिल्ली: संकट और लॉकडाउन की वजह से सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से सरकार ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पिछले चार दिनों से आर्थिक पैकेज की बारीकियों को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समझा रही हैं और बड़े सुधारों की घोषणाएं कर रही हैं। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की इस क्रम में आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है, जो सुबह 11 बजे होगी। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की शनिवार को घोषणा की। पैकेज की चौथी किस्त में कोयला, रक्षा विनिर्माण, विमानन, अंतरिक्ष, बिजली वितरण आदि क्षेत्रों में नीतिगत सुधारों पर जोर रहा।
आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की मुख्य बातें इस प्रकार हैं…
रक्षा क्षेत्र:
रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की जायेगी।
ऐसे हथियारों और प्लेटफॉर्म की सूची जारी की जायेगी, जिनका आयात प्रतिबंधित होगा। इन्हें भारत में ही खरीदा जा सकेगा।
आयातित कल-पुर्जों के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिये रक्षा आयात का बिल कम करने पर ध्यान दिया जायेगा।
बड़े घरेलू खरीद के लिये अलग बजट प्रावधान किये जायेंगे। आयुध निर्माण बोर्ड का निगमीकरण किया जायेगा।
नागर विमानन क्षेत्र
यात्री उड़ानों के लिये भारतीय वायु क्षेत्रों पर लगी पाबंदियों में ढील दी जायेगी, इससे ईंधन और समय की बचत होगी।
पाबंदियों में ढील से विमानन क्षेत्र को एक साल में एक हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा।
छह और हवाईअड्डों में निजी कंपनियों की भागीदारी के लिये नीलामी की जायेगी
12 हवाई अड्डों में निजी कंपनियों से 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश मिलेगा।
भारत विमानों के रख-रखाव, मरम्मत और जीर्णोद्धार का केंद्र बनेगा, इसके लिये करों को युक्तिसंगत बनाया जा चुका है।
कोयला एवं खनिज
कोयला क्षेत्र में निजी कंपनियों को वाणिज्यिक खनन का अधिकार मिलेगा। सरकार का एकाधिकार समाप्त होगा।
क्षेत्र में उतरने के प्रावधान सरल किये जायेंगे, तत्काल नीलामी के लिये करीब 50 ब्लाक पेश किये जायेंगे।
कोयला के गैसीकरण और द्रवीकरण को राजस्व साझा करने की दर में छूट के जरिये प्रोत्साहित किया जायेगा।
कोयला क्षेत्र में बुनियादी संरचना विकास के लिये 50 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की जायेगी।
कोल इंडिया के खदानों के लिये कोयला बेड मीथेन निकालने के अधिकारों की नीलामी होगी।
खनिज क्षेत्र में खोज-खनन-उत्पादन एक समग्र अनुमति की व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी। 500 ब्लॉकों की नीलामी होगी।
बॉक्साइट और कोयला के खदानों की संयुक्त नीलाती होगी।
खनन के पट्टे देते समय भुगतान किये जाने वाले स्टाम्प शुल्क को तर्गसंगत बनाया जायेगा।
बिजली वितरण
केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का निजीकरण किया जायेगा।
बिजली की दर की नीति में सुधार किया जायेगा।
सामाजिक बुनियादी संरचना…
अस्पतालों समेत सामाजिक बुनियादी संरचना के विकास में वीजीएफ में सरकार की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत, इससे 8,100 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
अंतरिक्ष
उपग्रहों, प्रक्षेपणों और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं समेत भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में निजी कंपनियों को भगीदारी के अवसर मिलेंगे।
निजी कंपनियों को अपनी क्षमता बेहतर बनाने के लिये इसरो की सुविधाओं, अन्य प्रासंगिक संपत्तियों के इस्तेमाल की इजाजत मिलेगी।
परमाणु ऊर्जा
कैंसर एवं अन्य बीमारियों के किफायती उपचार के लिये पीपीपी आधार पर अनुसंधान नाभिकीय संयंत्र बनाये जायेंगे।
कृषि सुधारों को बढ़ाने तथा किसानों की मदद करने के लिये खाद्य प्रसंस्करण में विकिरण प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने वाले संयंत्र पीपीपी आधार पर बनाये जायेंगे।