मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- विकसित देशों का अंधा अनुकरण कर प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन किया, 500 को क्वारैंटाइन करते तो यह स्थिति नहीं होती
रायपुर- कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन और उसके कारण पैदा हुए हालातों पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। स्पीक अप इंडिया प्लेटफार्म पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- कोरोना चीन से निकलकर अरेबियन और यूरोपियन देशों से भारत में आया। जब हमारे देश में आया, तब 500 पीड़ित थे। अगर उन पीड़ितों को ही होम क्वारैंटाइन, आइसोलेशन में कर देते तो ये हालात नहीं होते।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- विकसित देशों का अंधा अनुकरण करते हुए प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन कर दिया। अचानक लॉकडाउन से पूरा देश जहां था, वहीं थम गया। अनेक देश अपने-अपने तरीके से लड़ाई लड़ रहे हैं। उनके अपने सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक परिस्थितयों के अनुसार निर्णय हैं। हमारे देश की स्थिति अलग है। यहां करोड़ों लोग दूसरे राज्यों में रोजी-रोटी की तलाश में जाते हैं। वे वहीं फंस गए।
तीसरे लॉकडाउन के बाद लोगाें के सब्र का बांध टूट गया
मुख्यमंत्री ने कहा- लाॅकडाउन को लेकर कोई तैयारी नहीं थी। उन मजदूरों का क्या होगा, वहां के उद्योग धंधों का क्या होगा। बिना सोचे-समझे इसे लागू किया गया। पहले एक-दो सप्ताह सभी ने स्वीकार किया। प्रधानमंत्री का आदेश था। तीसरे लॉकडाउन के बाद लोगों के सब्र का बांध टूट गया। लोगों के पास खाना नहीं था, पैसा नहीं था। अपने घर की याद सताने लगी। लोग सड़कों पर आ गए। उनके घर जाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई।
भारत सरकार ने सारे अधिकार अपने हाथ में लिए
उन्होंने कहा, नेशनल डिजास्टर एक्ट के तहत सारे अधिकार भारत सरकार ने अपने हाथ में ले लिए। कंटेनमेंट जोन, रेड जोन, ऑरेंज, ग्रीन, दुकानें खोलने और बंद करने के फैसले दिल्ली से होने लगे। इसके कारण भय और असुरक्षा का वातावारण बना। सैकड़ों किमी पैदल परिवार सहित चलने लगे। लोग पीड़ित होते रहे। कई की जान चली गई। जो ट्रेन चलाई गई, वो कहीं और पहुंच गई। ऐसी एक-दो नहीं बल्कि 40 ट्रेनें अपनी जगह से भटक गई।
छत्तीसगढ़ में किसी को अनाज की कमी नहीं होने दी
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- छत्तीसगढ़ में किसी को अनाज-सब्जी की कमी नहीं होने दी गई। 56 लाख परिवारों को एक क्विंटल चावल, नमक मुफ्त दिया गया। जिनके पास राशन कार्ड नहीं थे, उन्हें भी 5 किलो चावल दिया गया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 5750 करोड़ रुपए किसानों के खाते में डाले गए। जंगल में रहने वाले आदिवासियों को लघु वनोपज का उचित मूल्य दिलाया गया। केंद्र के समर्थन राशि से ज्यादा में खरीद की गई।
गृहमंत्री अमित शाह से बोले मुख्यमंत्री- राज्य की सीमाएं नहीं खुलें
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लॉकडाउन को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी बात की है। मुख्यमंत्री ने उनसे बातचीत में दोहराया कि राज्य की सीमाएं नहीं खोली जानी चाहिए। ट्रेन, उड़ान सेवाएं जो शुरू की गई हैं, उन पर फिर से विचार किया जाए। साथ ही आर्थिक पैकेज के लिए राज्यों के लिए उधार लेने की शर्त को पूरा करने का अनुरोध किया।