फाइनल ईयर की परीक्षा कराएंगे विश्वविद्यालय, फर्स्ट ईयर छात्र इंटरनल असेसमेंट से होंगे पास: एचआरडी मंत्री निशंक
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को कहा कि अगर जुलाई में हालात सामान्य हुए तो परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। इसमें छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जायेगी। उच्च शैक्षणिक संस्थानों में परीक्षाओं को लेकर यूजीसी चेयरमैन के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स गठित की गई है। परीक्षा कब और कैसे करानी है, यातायात की व्यवस्था कैसे होगी, इस पर टास्क फोर्स फैसला लेगी। गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग के परामर्श से परीक्षा आयोजित की जाएगी।
‘चुनौतियों को अवसर के रूप में बदलना’ विषय पर लाइव वेबिनार से 45000 उच्च शिक्षा संस्थानों से संवाद के दौरान निशंक ने कहा, ‘संस्थान परीक्षाओं को लेकर यूजीसी की गाइडलाइंस का पालन कर सकते हैं। जिस क्षेत्रों में हालात सामान्य नहीं होंगे, वहां फर्स्ट ईयर के छात्रों को इंटरनल असेसमेंट के आधार पर पास किया जाएगा। सेकेंड ईयर के छात्रों को फर्स्ट ईयर के रिजल्ट और सेकेंड ईयर के इंटरनल असेसमेंट के आधार पर पास किया जाएगा। यानी इंटरनल असेसमेंट और फर्स्ट ईयर के रिजल्ट को 50-50 फीसदी वेटेज दिया जाएगा। जबकि फाइनल ईयर के छात्रों के लिए परीक्षाएं आयोजित होंगी। ये कब होंगी, इस पर आगे विचार विमर्श किय जाएगा। परीक्षा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा।’
उन्होंने बताया कि अगर किसी को कोई शिकायत हो तो वह यूजीसी के शिकायत प्रकोष्ठ से सम्पर्क करें और स्थिति न सुलझने पर मंत्रालय से सम्पर्क करें।
दूर-दराज के छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा में कोई दिक्कत नहीं होगी : निशंक
निशंक ने कहा है कि कोरोना महामरी के कारण लॉकडाउन के दौरान देश के दूर दूर दराज इलाके में रहने वाले छात्रों कोऑनलाइन शिक्षा में कोई दिक्कत नही होगी क्योंकि उन्हें टेलीविजन और रेडियो के माध्यम से भी पढ़ाई की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने ऑनलाइन शिक्षा को काफी मजबूत बनाया है और स्वयंप्रभा चैनल दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षा प्लेटफार्म बन गया है। दीक्षा और ई-पाठशाला जैसे प्लेटफार्म हैं ही। लेकिन इसके बाद भी दूर दराज इलाके में रहनेवाले छात्रों को नेट की समस्या है और मोबाइल नेटवर्क की समस्या है तो हमने दूरदर्शन से लेकर टाटा स्काई डिश टीवी और रिलायंस टीवी के जरिये उन छात्रों की पढ़ाई की व्यस्था कर रहे है और रेडियो के माध्यम से भी उन्हें शिक्षा प्रदान करेंगे।अंतिम छोर पर रहनेवाला कोई छात्र पढ़ाई से वंचित नही रहेगा।