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वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने और बांस, फलदार पौधे, औषधीय पौधे और बाड़ी विकास पर जोर

 

बांस रोपण, बहु स्तरीय वृक्षारोपण और आंवला वृक्षारोपण के प्रबंधन पर कार्यशाला

कवर्धा-राज्य शासन के वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर भी उनकी आवश्यकता अनुसार बांस, फलदार पौधे, औषधीय पौधे और बाड़ी विकसित करने की विशेष कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
दुर्ग वन वृत्त सभागार में आज गुरूवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वन मंत्री मोहम्मद अकबर की मंशा के अनुरूप बांस रोपण, बहु स्तरीय वृक्षारोपण और आंवला वृक्षारोपण के प्रबंधन कार्य के लिए वार्षिक कार्य योजना तैयार कर क्रियान्वयन पर चर्चा हुई। कार्यशाला में डॉ. बी.पी. नॉनहारे एवं प्रभाकर नागदिवे सेवानिवृत्त वरिष्ठ वन अधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन दिया गया।
छत्तीसगढ़ शासन में ग्रामीणों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर ही उनकी आवश्यकता अनुसार बांस, फलदार वृक्ष, सब्जियां, औषधीय पौधे आदि आने वाले समय में उपलब्ध कराने के लिए वन विभाग द्वारा सभी वन मंडलों में विस्तृत स्तर पर कार्य योजना बनाई जा रही है। इस कार्य योजना को वन विभाग की कैंपा मद से पोषित कर साकार रूप दिया जाएगा। कार्यशाला की अध्यक्षता मुख्य वन संरक्षक, दुर्ग वन वृत्त शालिनी रैना तथा विशिष्ट अतिथि वन संरक्षक कार्य योजना दुर्ग प्रभात मिश्रा के द्वारा की गयी। इस कार्यशाला में दिलराज प्रभाकर वन मंडल अधिकारी, कवर्धा, बी. पी. सिंह वन मंडल अधिकारी, राजनांदगांव, राम अवतार दुबे वन मंडल अधिकारी, खैरागढ़, कृष्ण राम बढ़ाई वन मंडल अधिकारी, दुर्ग, श्रीमती सतोविशा समजदार वन मंडल अधिकारी, बालोद तथा सौरभ कुमार सिंह भारतीय वन सेवा प्रशिक्षु उप वन मंडल अधिकारी राजनांदगांव शामिल हुए। दुर्ग वन वृत्त के सभी वनमंडलों से उप वन मंडल अधिकारी तथा मानचित्रकार भी उक्त कार्यशाला में उपस्थित रहे।

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