किसान बारहमासी फसल लगाएं इसलिए रोकेंगे आवारा पशुओं को
रायपुर- राज्य सरकार पशुओं के ‘रोका-छेका‘ से बारहमासी खेती को बढ़ावा देना चाहती है। ग्रामीणों, किसानों और पंचायत पदाधिकारियों से कहा गया है कि वे गांवों में बैठकें कर पशु प्रबंधन की व्यवस्था करें। सड़कों पर आवारा मवेशियों की रोकथाम करें। गौठानों के संचालन और चरवाहों के मानदेय पर भी विचार किया जा रहा है। प्रत्येक गौठानों को राज्य शासन हर माह 10 हजार रुपए अनुदान दे रही है। गौठान समिति इसके उपयोग एवं चरवाहे के मानदेय के बारे में निर्णय लेगी। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि शहरी इलाकों में मुनादी की जानी चाहिए कि 30 जून तक मवेशी पालक अपने मवेशियों के रख-रखाव का उचित प्रबंध कर लें। अन्यथा, शहरों एवं सड़कों पर खुले में घूमने वाले पशुओं को नगरीय प्रशासन विभाग गौठानों में ले जाएगा। पशुपालकों पर जुर्माना लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सीएम हाउस में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, सलाहकार प्रदीप शर्मा, वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली।बैठक में कृषि मंत्री चौबे ने प्रथम चरण में प्रत्येक ब्लॉक की पांच-पांच गौठानों को चिन्हित कर वहां आजीविका शेड बनाने की बात कही। बैठक में मुख्य सचिव आरपी मंडल, सीएम के एसीएस सुब्रत साहू, पीएस पंचायत गौरव द्विवेदी, एपीसी डॉ. एम.गीता, सचिव नगरीय प्रशासन डी. अलरमेलमंगई, सीएम की उप सचिव सौम्या चौरसिया शामिल हुईं।
इस तरह चलेगा अभियान
- 19 से 30 जून तक सभी गांवों में बैठक
- प्रत्येक गांव में बैठक व व्यवस्था करने ग्रामवार अधिकारियों की ड्यूटी लगेगी।
- गांवों में गौठानों की मरम्मत के लिए जिलों को गौठानों की संख्या के मान से आवश्यक राशि उपलब्ध मिलेगी।
- गांवों में बनने वाले गौठानों में एक कमरा और शेड बनाए, ताकि यहां उपचार हो सके।
आवारा मवेशी दिखे तो कमिश्नर-सीएमओ पर कार्रवाई
नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर और पालिका व पंचायतों के सीएमओ को दो दिन के भीतर मवेशियों का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए वार्ड प्रभारियों की नियुक्ति की जाएगी जो 18 जून तक पशुपालकों के नाम व संख्या बताएंगे। पशुपालकों से संकल्प पत्र भराया जाएगा। 30 जून के बाद आवारा मवेशी मिलेंगे तो संबंधित नगर निगम के कमिश्नर या सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गांवों की तरह शहरों में भी 19 जून से मवेशियों के लिए रोका-छेका अभियान शुरू किया जाएगा। सभी आवारा मवेशियों को गौठानाें में रखा जाएगा। इससे पहले सभी गौठान व कांजी हाउस की क्षमता का आंकलन कर व्यवस्था करने कहा गया है। 19 जून तक सभी पशुपालकों से मवेशियों को खुले में छोड़ने से मना किया जाएगा। आवारा घूमते पाए जाने पर पशुपालकों पर कार्रवाई की जाएगी। लोगों को जागरूक करने के लिए मुनादी कराई जाएगी। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने सभी निकायों को भी यह सुनिश्चित करने कहा है कि आवारा मवेशी निकाय की सीमा से लगे खेतों की फसलों, बाड़ियों और उद्यानों को नुकसान न पहुंचाएं।