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मेडिकल स्टाफ में संक्रमण का बुरा असर, महीनेभर पहले शुरू हुआ माना अस्पताल बंद होगा, लालपुर भी खतरे में

रायपुर- राजधानी में अब मरीज बढ़ रहे हैं लेकिन एक बड़ा खतरा सामने आ गया है। दरअसल सरकारी डाक्टर और स्टाफ कोरोना से बड़ी संख्या में संक्रमित है और इससे तीन-चार गुना स्टाफ क्वारेंटाइन कर दिया गया है। इसलिए अस्पताल चलाने में मैनपाॅवर कम हो रहा है। ऐसे में सरकारी एजेंसियों ने कोरोना मरीजों की भर्ती केवल रायपुर एम्स और अंबेडकर अस्पताल में ही भर्ती करने का फैसला कर लिया है। माना के कोविड सेंटर में अभी कम मरीज हैं, जिन्हें आज-कल में अंबेडकर में शिफ्ट कर दिया जाएगा। लालपुर में काफी फंड लगाकर खोला जा रहा कोविड अस्पताल भी अब शुरू होने के आसार कम हैं क्योंकि वहां काम रोक दिया गया है।
हेल्थ अफसरों का कहना है कि डॉक्टर समेत मेडिकल स्टाफ के लगातार कोरोना संक्रमित होने से मैन पावर व इलाज, दोनों पर असर सामने आने लगा है। इसलिए तय हुआ है कि अब एक-दो सेंटर बनाकर ही संक्रमितों का इलाज किया जाए। अफसरों ने माना और लालपुर अस्पताल बंद करने के मामले में चुप्पी साध ली है, लेकिन इतना जरूर कहा है कि अगर एम्स और अंबेडकर में बेड फुल हुए, तभी वहां मरीज रखे जाएंगे। रायपुर में अभी अंबेडकर अस्पताल कोविड सेंटर में 600 बेड व एम्स रायपुर में भी 200 से ज्यादा मरीजों के भर्ती होने की व्यवस्था है। इसके अलावा एक महीने से माना के कोविड सेंटर में काफी मरीज भर्ती किए जा रहे थे।

मरीज शिफ्टिंग आज-कल में
माना कोविड अस्पताल मेडिकल कॉलेज के अधीन है। अर्थात, वहां अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर व मेडिकल स्टॉफ ही ड्यूटी पर हैं। हर 14-14 दिन में डॉक्टर व मेडिकल स्टॉफ का एक बैच वहां के लिए बनाया जा रहा है। एक बैच में 16 डाक्टर और मेडिकल स्टाफ रहता है। इनकी 8-8 घंटे की तीन शिफ्ट में ड्यूटी लगती है। 14 दिन की ड्यूटी के बाद सभी इतने ही दिन के लिए क्वारेंटाइन हो जाते हैं।
तब दूसरी बैच के 16 लोगों की ड्यूटी लगती है। संक्रमण के कारण एक बैच में 16 लोगों को रखना मुश्किल हो रहा है। इसलिए माना में भर्ती 33 मरीजों को अंबेडकर में शिफ्ट किया जाने वाला है।

अस्पताल बंद होने से कम हो जाएंगे संक्रमितों के लिए 180 बेड
माना में कोविड सेंटर को काफी फंड खर्च करके तैयार किया गया था। एक माह बाद इसे अचानक अघोषित तौर पर बंद करने के फैसले से सरकारी एजेंसियों में ही हैरानी है। हेल्थ अफसर विवशता बता रहे हैं कि संक्रमण के कारण मेडिकल स्टाफ और मैन पाॅवर कम हो गया। 100 बेड के इस अस्पताल की वजह से एम्स और अंबेडकर, दोनों ही अस्पतालों में प्रेशर कम था, लेकिन इसके बंद होने से इन्हीं अस्पतालों पर दबाव हो जाएगा। इसी तरह, लालपुर में पिछले डेढ़ माह से कोरोना संक्रमितों को भर्ती करने के लिए 80 बेड के इंतजाम कर लिए थे। इसके बंद होने से कोरोना संक्रमितों के लिए राजधानी में ही 180 बेड कम हो जाएंगे।

12 डॉक्टर-स्टाफ संक्रमित
राजधानी में पिछले 15-20 दिन के दौरान मेडिकल कॉलेज, एम्स व माना समेत सीएमएचओ ऑफिस के 12 से ज्यादा डॉक्टर व मेडिकल स्टॉफ संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 4 डॉक्टरों के अलावा नर्सें, डाटा ऑपरेटर, लैब असिस्टेंट तथा वार्डब्वॉय भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इसे देखते हुए अब माना में संचालित व लालपुर में बनने वाला कोविड हॉस्पिटल को दूसरे जगह शिफ्ट किया जा रहा है।

पद भरने की कोशिश : डीएमई
“माना कोविड अस्पताल में अब मरीज भर्ती नहीं होंगे। लालपुर अस्पताल भी अभी नहीं शुरू करेंगे। एम्स और मेडिकल कॉलेज में 600 बेड हैं। इनके भरने पर ही दोनों अस्पतालों में मरीज रखेंगे। तब तक डॉक्टर समेत अन्य और पद भरने की कोशिश कर रहे हैं।”
-डॉ. एसएल आदिले, डीएमई छत्तीसगढ़

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