21 दिन का मासूम 16 दिन कोरोना पॉजिटिव मां के साथ एम्स में था, अब मां-बेटे सुरक्षित लौटे घर
बिलासपुर-मेरा जन्म हुआ और मां कोरोना पॉजिटिव हो गई। दूसरे ही दिन मां को एम्स रायपुर भेजा दिया। मैं भी उनके साथ था। तब मेरी उम्र दो दिन थी। अब 21 दिन का हो गया हूं, 16 दिन मां कोरोना से लड़ी। मैंने उनकी हिम्मत बढ़ाई और जीतकर घर लौट आए हैं। 16 दिन बाद 22 जून को घर लौटा तब मेरा नाम आयुष रखा गया। अस्पताल से जब छुट्टी हो रही थी तो आनन-फानन में मां ने मेरा नाम आयुष लिखा दिया और अब घर पर सब आयुष ही कहने लगे हैं। सबको संक्रमण का डर है लेकिन मैं अपनी मां के बिना नहीं रह सकता था। अस्पताल में भी मां ने मेरी देखरेख अच्छे से की। मां पॉजिटिव थी। मैं ज्यादा तो कुछ नहीं कर सकता था लेकिन मां मुझे देखती थी तो उनका हौसला और बढ़ जाता था। मेरी भी कोरोना जांच हुई लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई।
6 जून को सिम्स में हुआ था जन्म
चोरहादेवरी के मजदूर के बेटे का जन्म 6 जून को सिम्स में हुआ। सिम्स में ही मां का कोरोना टेस्ट हुआ था। रैपिड किट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो बच्चे और उसकी मां को उसके गांव भेजा गया। दूसरे ही दिन 7 जून को महिला की सैंपल रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गई थी।
दिल्ली से लौटे थे : मेरी बीवी ने अस्पताल में मेरे छोटे बच्चे की तो इधर घर पर मैंने अपने दो साल के बेटे की देखरेख अच्छे से की। उन्होंने बताया कि दिल्ली से 1 जून को बस से अपने गांव आए थे। 6 जून को पत्नी को प्रसव पीड़ा और सिम्स में उसने पुत्र को जन्म दिया। तभी वो पॉजिटिव हो गई। हालांकि हम तीनों सुरक्षित रहे।