ऑनलाइन क्लास के लिए 3 हफ्ते में 20 हजार से ज्यादा मोबाइल बिके
रायपुर-राजधानी में ऑनलाइन क्लासेस शुरू हुईं और शहरी इलाके में खास बात यह रही कि इन क्लासेस के लिए मोबाइल का बाजार अचानक उठ गया। मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन और बड़े कारोबारियों का दावा है कि क्लासेस की वजह से केवल तीन हफ्ते में 20 हजार से ज्यादा मोबाइल बिक चुके हैं और रोजाना प्रदेशभर में लगभग हजार मोबाइल बिक रहे हैं। राजधानी में हैंडसेट की बिक्री सबसे ज्यादा है। कारोबारियों का दावा है कि अगले एक हफ्ते तक मोबाइल का बाजार अच्छा रह सकता है। यह स्थिति रायपुर के अलावा प्रदेश के प्रमुख शहरों में भी है। स्कूल व कॉलेजों की ऑनलाइन कक्षाओं की वजह से बाजार में लेटेस्ट, ज्यादा मेगा स्टोरेज और बड़ी स्क्रीन वाले मोबाइल की डिमांड के साथ ही बिक्री भी बड़ी है। लॉकडाउन के पहले जहां एक महीने में एवरेज 10 हजार स्मार्ट फोन बिकते थे अभी ऑनलाइन क्लास शुरू होने के बाद केवल तीन हफ्ते में ही 20 हजार बिक गए हैं। बच्चों के लिए मोबाइल खरीदने से पहले पैरेंट्स उसकी पूरी जानकारी ले रहे हैं। ज्यादातर पैरेंट्स इंटरनेट पर ही मोबाइल की खूबी देख रहे हैं और उसी तरह का हैंडसेट्स दुकानों से खरीद रहे हैं। कुछ नामी कंपनियों के मोबाइल जो केवल ऑनलाइन बिकते हैं अभी उनकी भी शॉर्टेज हो गई है। दुकानदार इस तरह के हैंडसेट्स मंगवाने के लिए लोगों से अतिरिक्त रकम भी ले रहे हैं।
क्लास के कारण खुद देने लगे
कोरोना संक्रमण की वजह से सभी स्कूल और कोचिंग वाले ऑनलाइन पढ़ाई ही करवा रहे हैं। इस वजह से जो पैरेंट्स पहले बच्चों को मोबाइल से दूर रखते थे वही अब उन्हें स्मार्ट फोन दे रहे हैं। अभी आमतौर पर घरों ऐसे फोन रखे जाते थे जो केवल बात करने के काम आते थे। स्मार्ट फोन अधिकतर पिता के पास ही होते हैं। इस वजह से घरों में नए स्मार्ट फोन की जरूरत बन गई। यही वजह है कि लगभग सभी घरों में एक नए फोन की खरीदी करनी पड़ रही है।
बीच-बीच में आंखें बंद करें
नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश मिश्रा ने बताया कि ये बात सही है कि बच्चों के लिए इस समय ऑनलाइन क्लास जरूरी है, लेकिन मोबाइल का उपयोग करते समय बीच-बीच में आंखें बंद करके एक से दो मिनट का रिलेक्स लेना चाहिए। पलक को अच्छे झपकना चाहिए। अगर कोई दिक्कत हो तो डाॅक्टर की सलाह लेकर ड्राप डालना चाहिए। जिससे कि आंखों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।
इन बातों का भी खास ध्यान रखें
- 18 महीने से कम उम्र के बच्चे मोबाइल का इस्तेमाल न करें।
- 2 से 5 साल के बच्चे एक घंटे और छह साल से ज्यादा उम्र के बच्चों का मोबाइल देखने का समय सीमित ही होना चाहिए।
- टीवी, मोबाइल पर इतना समय ना बिताए कि बच्चों के पास सोने और फिजिकल एक्टिविटी के लिए समय कम न पड़ जाए।
- बच्चे या किशोर छह-सात घंटे से ज्यादा मोबाइल देखते हैं तो उन पर मनोवैज्ञानिक असर हो सकता है। इसका ध्यान रखें।
- बच्चों को छोटी-छोटी फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रोत्साहित करें। एक ही जगह पर बैठने से सक्रियता कम हो सकती है।
- बच्चे को हर 15 मिनट के अंतराल पर एक मिनट के लिए आंखें बंद करने के लिए कहें। इससे आंखों को आराम मिलेगा।
25% बिक्री बढ़ी : एसोसिएशन
“ऑनलाइन क्लासेस की वजह से स्मार्ट फोन की बिक्री 25 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है। लोग मीडियम रेंज में बड़ी स्क्रीन और ज्यादा स्टोरेज वाले मोबाइल मांग रहे हैं।”
-राजेश वासवानी, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ मोबाइल एसोसिएशन