तीन साल बाद फिर परिवहन बैरियर शुरू, चौकियों से 100 करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा
रायपुर- छत्तीसगढ़ को बैरियर मुक्त राज्य बनाने भाजपा सरकार ने जिन 16 परिवहन जांच चौकियों को 4 जुलाई 2017 को आधी रात से बंद कर दिया था, उसे कांग्रेस सरकार ने 4 जुलाई 2020 की आधी रात से ही शुरू कर दिया है। इन सभी जांच चौकियों से छत्तीसगढ़ सरकार को लगभग सौ करोड़ रुपए का राजस्व मिलता था। ये सभी चौकियां एक देश, एक टैक्स और एक बाजार को ध्यान में रखकर बंद किया गया था। परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि आदेश जारी होते ही संबंधित क्षेत्रीय, अति क्षेत्रीय तथा जिला परिवहन अधिकारी तत्काल परिवहन चेक पोस्ट स्थापित करें, वहीं चेकपोस्टों पर पदस्थ किए जाने वाले अधिकारी, कर्मचारियों की पदस्थापना के संबंध में अलग से आदेश जारी किया जाएगा। दरअसल भाजपा सरकार ने केन्द्र द्वारा जारी जीएसटी कानून को लागू करने के लिए सुगम और बाधारहित व्यापार-व्यवसाय को ध्यान में रखते हुए विभाग की सभी सरहदी जांच चौकियों को बंद करने का निर्णय लिया था। इन चौकियों में तैनात सभी कर्मचारियों को आरटीओ में अटैच कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक इन सभी 16 सीमा जांच चौकियों से परिवहन विभाग को 2016-17 में पांच लाख 70 हजार वाहनों से 87 करोड़ का राजस्व समन शुल्क के रूप में मिला था। इन 16 चेक पोस्ट से राज्य सरकार को सालाना 100 करोड़ का राजस्व मिलता था।
ये बैरियर होंगे शुरू
पाटेकोहरा, छोटा मानपुर और मानपुर (जिला-राजनांदगांव), चिल्फी (जिला-कबीरधाम), खम्हारपाली और बागबाहरा (जिला-महासमुंद), केंवची (जिला-बिलासपुर), धनवार और रामानुगंज (जिला-बलरामपुर), घुटरीटोला और चांटी (जिला-कोरिया), रेंगारपाली (जिला-रायगढ़) शंख और उप जांच चौकी लावाकेरा (जिला-जशपुर), कोन्टा (जिला-सुकमा) और धनपूंजी (जिला-बस्तर) की जांच चौकियों को तत्काल प्रभाव से शुरू कर दिया गया है।