105 दिन बाद चली बसें, 11 बसों में सिर्फ 16 यात्री थे, कहा- ऐसा सफर पहली बार किया
बस्तर-105 दिन बाद कोरोनाकाल के बीच बस्तर जिले में रविवार से बसों का संचालन शुरू हो गया है। लेकिन पहले दिन यात्री ही नहीं मिले। हालत यह रही कि सुबह 8.30 से 12 तक 3 बसें दक्षिण बस्तर रवाना हुईं। इन तीनों बसों में एक-एक यात्री ही सवार थे। चालक ने मालिकों से बात की और बीजापुर, कोंटा, भोपालपटनम, आवापल्ली, गीदम और अन्य स्थानों के लिए रवाना हो गईं। कुशवाहा ट्रैवल्स के संचालक सतेंद्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि 11 बसों की आवाजाही रविवार को हुई जिसमें 16 लोगों ने यात्रा की।
बीजापुर जा रही बस में बैठे यात्री अजीम ने बताया कि ऐसा सफर पहली बार किया जगदलपुर में भाई के घर आया था। अचानक लॉकडाउन लगने से यहीं था अभ वापस बीजापुर जा रहा है। वहीं दो यात्री रायपुर जाने के लिए रविवार सुबह 10 बजे ही बस स्टैंड पहुंच गए थे लेकिन रायपुर जाने बसों की आवाजाही शुरू नहीं होने से वे निराश थे।
3 हजार का डीजल खर्च किया मिले केवल 40 रुपए इधर पहले मास्क पहनाया, हाथ सैनिटाइज कराए
बस में यात्रियों के बैठने से पहले कंडक्टर ने मास्क पहनने कहा। हाथों को सैनिटाइज करवाया गया। कंडक्टर ने कहा कि बस मालिकों ने कहा है कि इसके साथ ही उसे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आवाजाही करने कहा जा रहा है। भारत ट्रैवल्स के संचालक आनंद मिश्रा ने कहा कि उनकी एक बस बीजापुर से जगदलपुर आई जिसमें करीब तीन हजार का डीजल खर्च करने के बाद केवल 40 रुपए बतौर भाड़ा मिला। इधर सतेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अब बसों का परिचालन शुरू कर दिया गया है टैक्स तो पटाना ही है इसको ध्यान में रखते कुछ दिन जरूर चलाएंगे।
बस स्टैंड में यात्रियों से ज्यादा बस कर्मचारी थे
सुबह से देर शाम तक विभिन्न कंपनियों के बसों के कर्मचारी बस स्टैंड में मौजूद थे। सुबह 9 बजे से दोपहर तीन बजे तक करीब 100 से अधिक कर्मचारी बस स्टैंड पर मौजूद थे जबकि यात्रियों की संख्या 10 थी। आरटीओ एसएस कौशल सुबह ही पहुंच गए थे।
बस स्टैंड की दुकानें खुलीं लेकिन भीड़ नहीं लगी
बस स्टैंड के दुकानदारों ने दुकानें खुली रखी थी। लेकिन यात्रियों के नहीं आने से वे काफी निराश थे। कई दुकानदारों ने बताया कि दुकानें खोलने में कोई फायदा नहीं है। यात्रियों के नहीं आने से दुकानों का किराया पटाने में भी परेशानी होगी।