किर्गिस्तान में 242 छात्र फंसे लेकिन फ्लाइट बंद
रायपुर-किर्गिस्तान के चार शहरों में मेडिकल पढ़ाई करने गए राज्य के 242 छात्र छात्राएं अपनी वापसी को लेकर फिक्रमंद हैं। यहां फंसे छात्र छात्राओं के मुताबिक बाकी राज्यों के छात्र छात्राएं करीब करीब लौट चुके हैं। ऐसे में होस्टल भी खाली हो रहे हैं, छात्रों की चिंता इस बात को लेकर भी अब और ज्यादा बढ़ रही है, क्योंकि यहां एक बार फिर कोरोना के कारण लॉकडाउन लगने वाला है। ऐसे स्थिति में छात्र छात्राएं लगातार दूतावास से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन केवल अभी तक आश्वासन ही मिल रहा है। इधर, छात्रों के छत्तीसगढ़ में रह रहे अभिभावकों की चिंताएं अब और ज्यादा बढ़ गई है। हर दिन अभिभावकों का समूह राजधानी में आता है, उच्च अधिकारियों से लेकर नेताओं से बच्चों की वतन वापसी के लिए गुहार भी लगा रहा है। किर्गिस्तान के चार शहरों बिश्केक, जलालाबाद, ओश और कांत से अब तक प्रदेश के करीब 500 छात्र अध्ययनरत हैं। इनमें से 258 छात्र बीते दिनों में छत्तीसगढ़ लौटकर आ चुके हैं। बाकी छात्र वंदे मातरम मिशन के तीसरे चरण का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, लेकिन एक जुलाई से शुरु हुए इस चरण में भी छत्तीसगढ़ के छात्रों के लिए कोई फ्लाइट बुक नहीं हुई है।
वहां लॉकडाउन हुआ तो और बढ़ेगी परेशानी
किर्गिस्तान मेंं फंसे छात्र छात्राएं अपने परिजनों और दोस्तों को वीडियो भेजकर सरकार से वापसी के लिए कोशिश करने की अपील कर रहे हैं। छात्र छात्राओं की असली चिंता इस बात को लेकर भी अगर लॉकडाउन लग गया तो वापसी में दिक्कत आ सकती है। भास्कर को कुछ अभिभावकों ने बताया कि उन्होंने इसके लिए मुख्य सचिव से लेकर सांसद छाया वर्मा और अन्य जनप्रतिनिधियों से कहा है कि 18 से 20 साल की उम्र के बच्चे हैं, वो दबाव के चलते बहुत ज्यादा डिप्रेशन में जा रहे हैं।