सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण की रफ्तार धीमी,13 माह में 10% काम, निगम बदल सकता है निर्माण एजेंसी
रायगढ़- केलो नदी को गारबेज और विषैले पानी से मुक्त करने के लिए शहर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है। 67 करोड़ रुपए के इस काम के लिए निगम ने दिल्ली के इंफ्रा इन वायरो प्राइवेट लिमिटेड को जून 2019 में वर्क ऑर्डर जारी किया था। इसके कुछ समय बाद कंपनी ने साइट पर काम भी शुरू किया, लेकिन काम की रफ्तार इतनी धीमी है कि 13 माह बाद भी मौके पर सिर्फ 10 प्रतिशत ही काम हो सका है। अगस्त में यदि कंपनी ने काम की रफ्तार नहीं बढ़ाई तो निगम यह प्रोजेक्ट कंपनी से छीन सकता है। बहरहाल कंपनी से किए गए अनुबंध में 57 करोड़ रुपए एसटीपी निर्माण और 10 करोड़ रुपए अगले 10 साल तक मेंटेनेंस के लिए देने तय किया गया है।
देर के लिए दोनों ही जिम्मेदार
- एप्रोच रोड बनाने में हीं चार महीने का समय लग गया।
- काम करने के लिए पथरीला साइड कंपनी को दिया गया।
- साइड गहराई में होने के कारण फिलिंग में समय।
- अतिक्रमण हटाने में प्रशासन की देरी।
- कॉलोनियों के पानी के लिए नाला निर्माण में दो माह।
नंवबर में कंपनी ने शुरू किया काम
नंवबर में कंपनी ने मौके पर काम शुरू किया, लेकिन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर की सुस्ती के कारण काम की रफ्तार धीमी रही। कंपनी ने थोड़े समय पहले ही मैनेजर बदल दिया है। कंपनी ने बताया कि 15 साल का सीवेज ट्रीटमेंट कंस्ट्रक्शन के अनुभव वाले लोगों को जिम्मा दिया गया है। इन्होंने बीते तीन माह में तेजी से बेस वर्क पूरा करा लिया है।
अभी प्रोग्रेस देख रहे हैं
कंपनी का काम थोड़ा धीमा है, हम प्रोग्रेस पर नजर रख रहे हैं। अगस्त तक काम की गति तेज करने को कहा गया है। साइट पर कुछ समस्या थी, जिनका समाधान निगम ने समय पर किया था। फिर भी यदि एसटीपी का निर्माण संतोषजनक नहीं रहा तो आगे नियम अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।। अजीत तिग्गा, ईई नगर निगम
प्रोजेक्ट हमारे कंट्रोल में हैं
कंस्ट्रक्शन साइड पथरीला था, इसे तोड़ने में हमारा सबसे ज्यादा वक्त लगा। इसके अलावा अतिक्रमण कुछ समय पहले ही हटाया गया है। अब प्रोजेक्ट हमारे कंट्रोल में है, हमारी प्रोग्रेस आखिर दो माह में बहुत अच्छी है, अगस्त तक हम और 10 प्रतिशत काम पूरा कर लेंगे। सुशील चौहान, प्रोजेक्ट इंजीनियर इनवायरो