ट्रैफिक की गाड़ियों में लगेंगे डैश-बोर्ड कैमरे नो पार्किंग पर कार्रवाई की रिकार्डिंग हाेगी
रायपुर- ट्रैफिक पुलिस के टोविंग व्हीकल में डैश बोर्ड कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे नो पार्किंग से गाड़ियों को हटाने के दौरान रिकार्डिंग की जा सके। इससे ट्रैफिक पुलिस पर लगने वाले आरोपों या विवाद की स्थिति से बचा जा सकेगा। साथ ही, पुलिस को डिजिटल कैमरे भी दिए जाएंगे, जिससे दुर्घटना स्थल की वीडियो व तस्वीर ली जा सके। यह साक्ष्य के साथ-साथ केस स्टडी के काम आएंगे। पुलिस मुख्यालय ने ट्रैफिक पुलिस के कामकाज में पारदर्शिता के लिए डैश बोर्ड कैमरे के साथ डिजिटल कैमरे से लैस करने की योजना बनाई है। इसकी खरीदी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फिलहाल दस टोविंग व्हीकल, इतने ही डैश बोर्ड कैमरे और 50 डिजिटल कैमरे लिए जाएंगे। पहली बार पुलिस की गाड़ियों में डैश बोर्ड कैमरे लगेंगे, जो नो पार्किंग में खड़ी गाड़ियों को हटाने के दौरान रिकॉर्डिंग के साथ-साथ पीछे का दृश्य देखने के काम भी आएंगे। फिलहाल क्रेन में फंसाने के बाद पुलिस का ही एक जवान ड्राइवर को बार-बार संदेश देता है। डैश बोर्ड में पीछे का हिस्सा दिखाई देने पर यह समस्या नहीं रहेगी। 100 इमोबिलाइजर खरीदी | नो पार्किंग में खड़ी गाड़ियों को लॉक करने के लिए 100 व्हीकल इमोबिलाइजर की खरीदी की जाएगी। साथ ही, शहर के भीतर आसानी से नो पार्किंग में खड़ी कारों को हटाया जा सके, इसलिए 10 छोटे टोविंग व्हीकल की खरीदी की जा रही है। पुलिस मुख्यालय के ट्रैफिक एआईजी संजय शर्मा के मुताबिक नो पार्किंग में खड़ी गाड़ियों के कारण जाम की स्थिति बनती है, इसलिए ऐसे टोविंग व्हीकल की खरीदी की जा रही है, जिसकी मदद से आसानी से शहरी क्षेत्र से गाड़ियां हटा सकें।
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने की कोशिश
सड़क दुर्घटनाएं कम करने के लिए लीड एजेंसी बनाई गई है, जिसमें पुलिस मुख्यालय के अधिकारी के साथ निर्माण विभाग के भी सदस्य शामिल हैं। लीड एजेंसी द्वारा दुर्घटनास्थल जाकर रिपोर्ट बनाई जा रही है, जिससे उसमें सुधार किया जा सके। इस पर एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी या अन्य संबंधित विभाग द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जाती है। ट्रैफिक पुलिस के पास डिजिटल कैमरे होने से दुर्घटनाओं की रिपोर्ट बनाने में आसानी होगी, जिससे रोक के लिए उपाय किए जा सकेंगे।