तेंदुपत्ता श्रमिक बीमा कांग्रेस सरकार ने नहीं केंद्र की बीजेपी सरकार ने किया है बंद, राज्य सरकार श्रम विभाग से कराएगी बीमा
रायपुर-भूपेश कैबिनेट में मंत्री शिव कुमार डहरिया और मंत्री मोहम्मद अकबर ने मंगलवार को राजीव भवन में पत्रकारों को संबोधन किया। इस दौरान पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के आरोप पर प्रदेश के मंत्री मोहम्मद अकबर ने दस्तावेजों के साथ तथ्यांक जानकारी देते हुए आरोपों को नकार दिया। उन्होंने साबित किया कि तेंदूपत्ता संग्राहकों का बीमा योजना को केन्द्र की भाजपा सरकार ने बंद कराया है।उन्होंने कहा कि छ.ग. में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के माध्यम से 02 बीमा योजनाएँ संचालित थी।
1. आम आदमी बीमा योजना
2. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना।
आम आदमी बीमा योजना में तेंदूपत्ता संग्राहकों की सामान्य मृत्यु होने पर 30 हजार रू. मिलने तथा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में सामान्य मृत्यु होने पर 02 लाख रू. दिए जाने का प्रावधान था। बीमा योजना के लिए प्रीमियम की 50 प्रतिशत राशि भारत सरकार, 37.5 प्रतिशत राशि राज्य सरकार व 12.5 प्रतिशत राशि छ0ग0 राज्य सहकारी लघु वनोपज संघ द्वारा वहन किया जाता था। बीमा योजना हेतु राज्य सरकार ने 2019-20 के लिए प्रीमियम राशि जमा करने 13.20 करोड़ रू. का प्रावधान बजट में रखा था। इस राशि को इसलिए सरेंडर करना पड़ा क्योंकि मंडल प्रबंधक, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की ओर से दिनांक 10.10.2019 को एक पत्र प्राप्त हुआ । इस पत्र में राज्य सहकारी लघु वनोपज संघ को साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि बीमा योजनाओं के नवीनीकरण व नई योजनाओं को जारी करने बंद कर दिया गया है जिसके कारण इन योजनाओं का नवीनीकरण व नई योजनाओं की स्वीकृति संभव नहीं है। ऐसा होने से भारत सरकार की ओर से बीमा योजनाओं के लिए प्रीमियम की 50 प्रतिशत राशि जो भारत सरकार से दी जानी थी वह बंद कर दी गई। वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि आरोप लगाने वाले भाजपा नेताओं को भारत सरकार से पूछना चाहिए कि उन्होंने तेंदूपत्ता संग्राहकों के हितों के विपरीत जाकर बीमा योजना बंद करने का यह फैसला क्यों लिया।
वनमंत्री ने बताया कि आज भी छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्राहकों के परिवार हेतु छात्रवृत्ति योजना संचालित की जा रही है। प्रदेश में संग्राहक परिवारों के बच्चों को 10वीं 75 प्रतिशत से अधिक अंक पाने पर 15 हजार रू. व 12वीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक पाने पर 25 हजार की छात्रवृत्ति दिए जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों के बीमा की योजनाएँ बंद कर दिए जाने से उत्पन्न परिस्थिति के मद्देनजर छत्तीसगढ़ सरकार संग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना लागू कर रही है। दिनांक 22.05.2020 को लघु वनोपज सहकारी संघ की बैठक में 16 करोड़ रू. की राशि का भी प्रावधान किया गया है इसका लाभ प्रदेश के साढ़े बारह करोड़ तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलेगा। जहां तक भाजपा नेताओं के आरोपों का प्रश्न है उन्हें छ0ग0 राज्य सहकारी लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष श्री भरत साय जो स्वयं भी भाजपा से है, उनसे पूछना चाहिए कि उन्होंने योजना लागू करने में विलंब से क्यों प्रस्ताव पारित कराया।
असंगठित कर्मकार, सामाजिक सुरक्षा योजना में तेंदूपत्ता संग्राहक की सामान्य मृत्यु होने पर 01 लाख रू. व विकलांगता होने पर 50 हजार रू. दिए जाने का प्रावधान है। इस नई योजना में प्रत्येक तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार में कम से कम एक साइकिल भी दिया जाएगा। इसके अलावा 02 संतानों के लिए 10-10 हजार रु. प्रसूति व्यय भी दिए जाएंगे इतना ही नहीं 02 बच्चों के लिए प्रांरभ से लेकर अंत तक छात्रवृत्ति दिए जाने का भी प्रावधान है।
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि जहाँ तक लघु वनोपज खरीदी का प्रश्न है, भारत सरकार के आंकड़े बताते है कि वर्ष 2020 में कोरोना संकटकाल होने के बावजूद आज दिनांक तक छत्तीसगढ़ में 112 करोड़ रूपये की 31 लघु वनोपजों की खरीदी की गई है। इसके विपरीत पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के शासनकाल में वर्ष 2018 में मात्र 02 करोड़ 55 लाख रू.के लघु वनोपजों की ही खरीदी की गई थी। आरोप लगाने वाले भाजपा नेता भाजपा शासित राज्यों में लघु वनोपजों की खरीदी पर भी जरा नजर डाल लें। पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में आज दिनांक तक मात्र 81 लाख रू. की लघु वनोपजों के ही खरीदी की गई है। वही उत्तर प्रदेश में तो खरीदी का यह आंकड़ा निरंक है। गुजरात में 1.73 करोड़ रू. के लघु वनोपजों की ही खरीदी हुई है। भाजपा नेताओं को इन राज्यों को अधिक लघु वनोपजों की खरीदी के लिए प्रेरित करना चाहिए।
छत्तीसगढ़ में 31 लघु वनोपजों की खरीदी के साथ-साथ वर्ष 2020 में 400 करोड़ रू. की राशि का तेंदूपत्ता की खरीदी भी की गई है। कोरोना संकटकाल में 400 करोड़ रू. की राशि का तेंदूपत्ता खरीदी करना अपने आप में उल्लेखनीय है। छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्राहकों को 4000 रुपये. प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है जबकि मध्य प्रदेश में मात्र 2500 रू. प्रति मानक बोरा का भुगतान पारिश्रमिक के रूप में तेंदूपत्ता संग्राहकों को दिया जा रहा है। वनमंत्री अकबर ने बताया कि छ.ग. में तेंदूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2018 का 239 करोड़ रू. का प्रोत्साहन पारिश्रमिक का भुगतान भी हिसाब-किताब मिलान के बाद शीघ्र किया जाएगा तेंदूपत्ता संग्रहण के समय संग्राहकों को पारिश्रमिक का भुगतान निर्धारित दर के अनुसार कर जाता है लेकिन प्रोत्साहन पारिश्रमिक का भुगतान विक्रय मूल्य प्राप्त करने के बाद ही किया जाता है।