इस बार लाठियां कम गिरफ्तारी ज्यादा,सीधे एफआईआर और जेल
रायपुर- राजधानी में मंगलवार को रात 9 बजे से ही पुलिस लॉकडाउन जैसी सख्ती शुरू करने जा रहा है, लेकिन इस बार रणनीति पिछले लाॅकडाउन से अलग रहेगी। पिछले लाॅकडाउन में सड़कों पर तो पुलिस ने नियंत्रण कर लिया था, लेकिन मोहल्लों की भीतरी सड़कों और गलियों में किराना दुकानों के नाम पर नियमों का जमकर उल्लंघन हुआ और सुबह से रात तक जमावड़ा लगा रहा। इसलिए इस बार पुलिस ने मोहल्लों और गलियों में दोगुनी फोर्स उतारने की तैयारी कर ली है। अफसरों ने साफ कर दिया है कि जरूरत पड़ने पर पुलिस सख्ती करेगी, लेकिन ज्यादा जोर कार्रवाई पर रहेगा। पकड़े गए लोगों को सीधे थाने लाकर प्रतिबंधात्मक धाराओं में मजिस्ट्रेट के यहां पेश कर दिया जाए। बाहर निकलने का पुख्ता कारण नहीं बताने वालों की गाड़ी जब्त कर कोर्ट में पेश की जाएगी। गलियों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने दर्जनभर ड्रोन भी किराए से ले लिए हैं। एसएसपी अजय यादव बताया कि राजधानी में कोरोना का संक्रमण काफी बढ़ चुका है, इसलिए सख्ती जरूरी है। यही वजह है कि प्रशासन के आदेश का उल्लंघन करने वाले या नियम का पालन नहीं करने वालों पर सख्ती की जाएगी। इसके लिए रायपुर और बिरगांव निगम में 40 जगह पर नाकेबंदी होगी। हर नाकेबंदी पॉइंट पर 10-10 पुलिस वाले 24 घंटे तैनात रहेंगे, यानी चौबीसों घंटे ड्यूटी करेंगे। नाके क्राॅस करनेवाले हर व्यक्ति का रिकार्ड रखा जाएगा। रायपुर और बिरगांव को मिलाकर 21 थाने हैं। उनके गश्तीदलों के साथ-साथ 20 और गश्तीदल अलग बनाए गए हैं, जो शहर में कहीं भी घूमेंगे। बस्तियों के लिए दर्जनभर बाइक टीमें बनाई गई हैं, जो गलियों में घूमेंगी। शहर में पिछले लाॅकडाउन में 1200 पुलिसवाले तैनात थे, जिनकी संख्या बढ़ाकर 1800 की जा रही है।
ड्रोन से दिनभर रखेंगे नजर
पुलिस ने दोनों निगम क्षेत्र की निगरानी के लिए एक दर्जन ड्रोन कैमरे किराए पर लिए हैं। ड्रोन से इलाके के गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। जहां भी लोगों की चहल-पहल दिखेगी, वहां तुरंत फोर्स भेजी जाएगी। कॉलोनियों में पुलिस ने वालंटियर बनाए हैं। कॉलोनी और सोसायटी में सीसीटीवी कैमरों से नजर रहेगी। आईटीएमएस के कंट्रोल रूम दक्ष में भी अलग से टीम बैठाई जाएगी, जो दिनभर का फुटेज की जांच करेंगे। आदेश का उल्लंघन करने वाले गाड़ियों का रिकॉर्ड निकाला जाएगा।
मार्निंग-इवनिंग वाॅक पर रोक
पुलिस ने राजधानी में मार्निंग और इवनिंग वाॅक पर भी रोक लगा दी है। यही नहीं, इस बार मोहल्लों और गलियों के भीतर पुलिस प्वाइंट लगाए जा रहे हैं क्योंकि पुलिस को अंदेशा है कि जिनके घरों में ही उनकी डेली नीड्स की दुकानें हैं, वो खोलकर बिजनेस कर सकते हैं। ऐसे लोगों पर इस बार सख्त नजर रहेगी। बस्तियों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि वहां लोग मास्क नहीं लगाते और दिनभर जमावड़ा लगाए रहते हैं तथा पुलिस को देखकर भीतर चले जाते हैं। अफसरों के मुताबिक इस बार ऐसे लोगों से निपटने का सिस्टम भी बनाया गया है।
मेडिकल इमरजेंसी पर छूट
पुलिस सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी वाले को ही छूट देगी, लेकिन उन्हें अपनी आईडी लेकर चलना होगा। शहर में सामानों की होम डिलिवरी को छूट दी गई है, लेकिन उन्हें आईकार्ड रखने के साथ-साथ मास्क और ग्लब्स पहनना जरूरी होगा। होम डिलिवरी वाले कर्मचारी अगर सुरक्षा का ध्यान नहीं रखेंगे, तो उनके ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी। लोग इमरजेंसी में अपनी निजी गाड़ियों का उपयोग कर सकेंगे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह बंद रहेगी। अगर कोई भी टैक्सी या ऑटो चलता मिला तो उसका परमिट रद्द कर ड्राइवर का लाइसेंस सस्पेंड करवाया जाएगा।
इन धाराओं के तहत दर्ज किए जाएंगे मामले
धारा 188
शासन के आदेश के उल्लंघन पर धारा 188 का केस दर्ज करेंगे। यह दुकान खोलने पर या भीड़ इकट्ठा करने पर दर्ज होगा। इसमें 6 महीने तक कैद और जुर्माना है।
धारा 269
लापरवाही से किसी के जीवन के लिए खतरा पैदा करना या संक्रमण फैलाने पर इस धारा में कार्रवाई होती है। इसमें भी 6 महीने के कारावास या जुर्माने की सजा है।
धारा 270
जीवन के लिए खतरनाक, किसी भी बीमारी के संक्रमण के प्रसार की संभावना होने पर कार्रवाई की जाती है। इसमें दो साल की सजा, भारी जुर्माने का प्रावधान है।