जैविक खेती को बढ़ावा देने महिला समूहों ने कमर कसी
महिला कृषि मित्र और पशु सखी जैविक खेती के कर्णधार बने
छुरा विकासखंड के 140 गांव के 14 हजार महिला किसान जैविक खेती कर नया आयाम गढ़ रही
गरियाबंद-छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान अंतर्गत संवहनीय कृषि परियोजना से गरियाबंद जिले के छुरा विकासखंड के 140 गांव के स्व सहायता समूहों के 14 हजार महिला किसान जैविक खेती कर एक नया आयाम गढ़ रही है। कोरोना वायरस के चलते सभी गांव में परियोजना को सुचारू रुप से संचालन करने हेतु गांव के ही सक्रिय महिला कृषि मित्र और पशु सखी एक ढाल बनकर कार्य कर रही है। महिला कृषि मित्र और पशु सखी स्वयं के प्रशिक्षण के उपरांत गांव स्तर पर स्व सहायता समूह की संवहनीय किसी कार्यक्रम के लिए प्रेरित कर रही है। इस कार्य के लिए प्रत्येक ग्राम में एक महिला कृषि मित्र और एक पशु सखी कार्यरत हैं। महिला
कृषि मित्र और पशु सखियों के माध्यम से लोगो को जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जागरूक किया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हुए शरीर को स्वस्थ एवं सुपोषित किया जा सकता है। रासायनिक कीटनाशकों की उपयोगिता को धीरे धीरे कम करके जैविक कीटनाशक को बढ़ावा देकर खेती किसानी का लागत को कम किया जा सकता है। छुरा विकासखंड के शिव शक्ति, जय मॉ संतोषी,जय मॉ चन्द्रहासनी, जय मॉ लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की महिलाएं इस कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं।
छुरा विकासखंड में महिला समूहों द्वारा जैविक तरीकों से घर पर बैठकर सभी प्रकार की खाद जैसे गोबर खाद, नाडेप खाद, वर्मी कंपोस्ट, घनाजीवामृत, द्रव्य जीवामृत एवं कीटनाशक जैसे निमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नास्त्र दवा आदि तथा फफूंद नाशक जैसे बेल पत्ती की दवा, खट्टा-मठा आदि जैविक उत्पाद को प्रोत्साहित कर लागत में कमी और उत्पादन में वृद्धि को समझाया जा रहा है। कीट प्रबंधन के लिए गोबर और गोमूत्र एवं विभिन्न प्रकार के स्थानीय पेड़ पौधे की पत्तियों से बने दवा, चिड़िया मीनार आदि को उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कृषि सखियों और पशु सखियों के द्वारा महिला किसानों जैविक खेती के लिए प्र्रेरित कर रही है। साथ में धान की उन्नत पद्धति जैसे श्री-विधि से धान रोपाई एवं लाइन व पारा विधि से धान रोपाई महिला किसानों को कम खर्च में अधिक उत्पादन देने का मार्ग भी बता रहे हैं। साथ-साथ कृषि टूल बैंक जैसे वीडर, मार्कर, ग्राईंडर ,फावड़ा, कुल्हाड़ी हैंड जैसे मिनी राइस मिल आटा चक्की आदि के संचालन के बारे में भी सुचारू रूप से मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं।
हर घर बाड़ी हर घर किचन गार्डन का सूत्र से भी सभी घरों को बड़ी योजनाओं से जुड़ने के लिए कृषि मित्र, पशु सखी सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। इसके अतिरिक्त शत्-प्रतिशत पशुओं के टीकाकरण, उन्नत नस्ल के पशुओं व कुक्कुट पालन के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। महिला किसानों को विभागीय योजनाओं से अभिसरण के माध्यम से अतिरिक्त लाभ दिलाने का प्रयास भी सी.एम.एस.ए परियोजना से किया जा रहा है। इसके अंतर्गत बैकयार्ड, मुर्गी, बकरा ,बकरी ,सॉड, सुअर आदि का वितरण के लिए महिला किसानों का चयनित किया गया है।