गोठान नहीं, सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा
कसडोल- छत्तीसगढ़ सरकार की छेका-रोका योजना कागजों में भले ही कुछ भी हो पर वास्तविकता में देखे तो पूरी तरह फ्लाप दिखाई दे रही है। इस क्षेत्र के गोठानों में गौमाता नहीं बल्कि सड़कों पर ही इनका जमावड़ा बना रहता है। जहां रोजाना कहीं न कहीं गौ माताओं की मौत सड़क दुर्घटना में हो रही है वहीं कई गौमाता सड़कों में दुर्घटना की वजह से तड़पते नजर आते रहती हैं। ऐसे ही एक गौ माता को नगर से 12 किमी दूर कटगी के पास जोक नदी पुल पर तड़पते हुए देखा गया लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं दिखा। हालांकि किसी सज्जन द्वारा गौ माता की पैर में चोट वाले स्थान पर कपड़ा जरूर बांधा गया था लेकिन लगातार खून बह रहा था जिसके कारण तड़प तड़प कर बेहोश हो गई थी। इसी तरह ग्राम पंचायत सेल के पास एक गाय की मौत बड़ी गाड़ियों में दुर्घटना की वजह से हो गई थी जो सड़क किनारे पड़ी हुई थी।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गौ माताओं सहित मवेशियों को रोका छेका योजना के तहत रोका छेका कर गोठानों में रखने की कार्यक्रम चलाया जा रहा है जो पूरी तरह फ्लाप है। वहीं किसानों से दो रुपये किलो में गोबर खरीदने की योजना भी सफल होते दिखाई नहीं दे रही है। क्योंकि किसान भी खुद इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं।