तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया की हादसे में मौत पर मिलेंगे 4 लाख
रायपुर- छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के लिए राज्य सरकार नई बीमा पॉलिसी शुरू करने जा रही है। इसके तहत संग्राहक परिवार के मुखिया की आकस्मिक मृत्यु होने पर दो लाख रुपए तथा हादसे में मृत्यु होने पर चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता की जाएगी।
दरअसल प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए एलआईसी के माध्यम से बीमा किया जा रहा था, लेकिन केंद्र ने इसे बंद कर दिया है। वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने राज्यपाल अनुसूइया उइके को पत्र लिखकर राज्य सरकार की इस योजना की जानकारी दी है। वनमंत्री ने बताया कि बीमा योजना के लिए 10 लाख 13 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों का विवरण एलआईसी को उपलब्ध कराया गया है। साथ ही राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि परिवार के मुखिया की मृत्यु, दुर्घटना से मौत तथा पूर्ण विकलांगता की स्थिति में सहायता अनुदान उपलब्ध कराने हेतु नई योजनाएं शुरू की जाएंगी।
इतनी राशि दी जाएगी : अकबर ने बताया कि मुखिया की आयु 50 से कम होने पर आकस्मिक मौत पर दो लाख रुपए, दुर्घटना में मौत होने पर चार लाख, पूर्ण विकलांग होने पर दो लाख रुपए तथा आंशिक रूप से विकलांग होने पर 1 लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। वहीं परिवार के मुखिया की आयु 51 से 59 वर्ष के बीच होने पर, सामान्य मृत्यु पर 30 हजार, दुर्घटना में मृत्यु अथवा पूर्ण विकलांग होने पर 75 हजार, आंशिक विकलांग होने पर 37,500 रू. के सहायता अनुदान राशि दी जाएगी।
मंत्री अकबर ने 107 ई-रिक्शा चालकों को दिए 5.35 लाख
वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से प्रभावित लोगों को सीधे मदद पहुंचाते हुए 107 ई-रिक्शा चालकों को 5 लाख 35 हजार रुपए की राशि का चेक वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से वितरित किया। वन मंत्री द्वारा इससे पहले भी कवर्धा नगर पालिका क्षेत्र के तहत 275 फुटकर व्यापारियों को फिर से व्यापार अथवा काम-धंधा शुरू करने के लिए 13 लाख 75 हजार रुपए का चेक प्रदान कर लाभान्वित किया जा चुका है।
इस दौरान अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण और लॉकडाउन से प्रभावित लोगों को सीधी मदद पहुंचाने के लिए अनेक पहल और विशेष उपाय किए जा रहे हैं।
इस दौरान प्रदेश के किसानों, गरीब मजदूरों सहित अंतिम छोर के व्यक्ति को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों से लेकर व्यापारियों में आत्मविश्वास तभी आता है, जब उनके पास खेती-बाड़ी और कारोबार अथवा व्यापार शुरू करने के लिए पर्याप्त पैसे हो। इस संकट के दौर में ई-रिक्शा चालकों के लिए यह मदद उनके लिए एक संजीवनी की तरह काम करेगा। उनके जीवन को एक नई दशा और दिशा देगी।