बहनों ने हाथ में मेंहदी लगाकर छत्तीसगढ़ सरकार से की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाने की मांग
रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया लंबे समय से अटकी पड़ी है। बहुत से लोगों ने करीब 9 साल पहले पात्रता के लिए परीक्षा दी थी, लेकिन भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाने के कारण इनकी पात्रता की समयावधि अब खत्म हो रही है। ऐसे में अभ्यर्थी काफी परेशान हैं। रक्षा बंधन के मौके पर उन बहनों ने सरकार से अनोखे अंदाज में भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अपील की है, जिन्होंने वर्षों पहले पात्रता परीक्षा दी थी और अब तक नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। बहनों ने हाथों में मेहंदी लगाई है। इस मेहंदी में भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और पात्रता सूची जारी करने की सरकार से अपील की गई है। बहनें अपनी इस अपील को सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार तक पहुंचा रही है।
सात साल में समाप्त हो जाती है वैधता
शिक्षक के रूप में भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना जरूरी है। साल 2011 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में पात्र होने वाले अभ्यर्थियों की पात्रता खत्म हो गई है, पर उन्हें सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने का मौका नहीं मिल पाया। राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा में देरी होने के कारण ऐसा हुआ है। दरअसल सात साल बाद टीईटी की वैधता समाप्त हो जाती है। इसके बाद उन परीक्षार्थियों को भी शिक्षक बनने के लिए दोबारा परीक्षा देनी पड़ेगी, जिन्होंने साल 2011 या इससे पहले की पात्रता परीक्षा पास की थी। बता दें कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद छह हजार शिक्षक, सहायक शिक्षक व व्याख्याताओं के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है। साल 2011में उत्तीर्ण होने वाले शिक्षक इस परीक्षा के लिए पात्र ही नहीं हैं।
2011 में हुई थी पहली टीईटी
साल 2011 में पहली टीईटी का आयोजन किया गया था, जिसमें 75 हजार से अधिक उम्मीदवार सफल हुए थे। इनमें प्राइमरी स्तर के 51662 और मिडिल स्तर के 25882 अभ्यर्थी थे। शिक्षा विभाग के टीईटी आयोजित करने के बाद राज्य सरकार ने एक बार भी शिक्षाकर्मी भर्ती नहीं की। अब तक उनकी नियुक्ति नहीं होने से साल 2018 के अंतिम तक इन उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट की वैधता खत्म हो गई है।
टीईटी इसलिए जरूरी है
कक्षा पहली से पांचवीं और छठवीं से आठवीं के संदर्भ में आयोजित की जाएगी। इसे क्वालिफाई करने पर प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में अध्यापन की पात्रता मिलेगी। पिछली बार टीईटी में एक लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए थे। एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) के निर्देश पर राज्य सरकारों को निर्देश है कि वह कम से कम साल में दो बार टीईटी जरूर आयोजित कराए। इस लिहाजा से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के प्रस्ताव पर व्यापमं हर साल परीक्षा लेता है।