पहुंचविहिन क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव को बढावा देने हेतु कलेक्टर ने मांझी योजना की शुरूआत
नवाचार के तहत दो पहिया वाहन से पहुंचविहिन क्षेत्र से अस्पताल तक गर्भवती महिला को लाने की व्यवस्था
वाहन मालिक को मिलेंगे दूरी के हिसाब से नगद राशि का भूगतान
जगदलपुर-कलेक्टर रजत बंसल के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिला बस्तर पहुंचविहिन क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर दो पहिया वाहन की व्यवस्था कर उसका उपयोग गर्भवती महिला को अस्पताल तक लाने के लिए मांझी योजना की षुरूआत किया गया हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा० आरके चतुर्वेदी ने जानकारी दी कि बस्तर जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 18363 संस्थागत प्रसव एवं 405 प्रसव घर पर हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह जून 2020 तक 3822 संस्थागत प्रसव एवं 74 प्रसव घर पर हुए हैं। घर पर प्रसव होने की स्थिति में कभी भी मां एवं बच्चे की जान को खतरा हो सकता है क्योंकि प्रसव के पश्चात 48 घंटे मां और बच्चे के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। संस्था में प्रसव होने से मां और बच्चे को किसी भी प्रकार की जटिलता में तत्काल उपचार किया जा सकता है। इससे माता एवं शिशु मृत्यु में कमी लाई जा सकती है। गर्भवती महिला के परिवहन हेतु 102 महतारी एक्सप्रेस की व्यवस्था है किन्तु कुछ क्षेत्रों में सडक नहीं होने के करण चार पहिया वाहन का संचालन नहीं हो पाता है जिससे ऐसे क्षेत्रों के अधिकांश प्रसव घर पर होते हैं। जिला प्रशासन की मंशानुसार बस्तर जिले में शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव हेतु पहुंचविहिन क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है जिसमें विकासखंड बकावंड में 12, बास्तानार में 16, दरभा में 8, लोहण्डीगुडा में 7, नानगुर 4 एवं तोकापाल में 01 हैं। इन ग्रामों में मांझी योजना के तहत दो पहिया वाहन से गर्भवती महिला को नजदीकी अस्पताल तक लाने की व्यवस्था की जावेगी।
दो पहिया वाहन मालिक को दूरी के हिसाब से नगद किराया भूगतान किया जावेगा। जिसमें गर्भवती महिला को घर से अस्पताल पहुंचाने हेतु 01 से 10 किमी तक 400 रूपए, 11 से 20 किमी तक 500 रूपए, 21 से 30 किमी तक 600 रूपए और 31 से 45 किमी तक 700 रूपए देय होगा। कलेक्टर ने शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसाव हेतु बीपीएम, सेक्टर मेडिकल आफीसर, सेक्टर सुपरवायजर, क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता,आंगनबाडी कार्यकर्ता, मितानिन ट्रेनर एवं मितानिन को जिम्मेदारी दी है।