वनाधिकार मिलने से वनांचल के परिवारों की संवरी जिन्दगी
रायपुर-
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार के जनहितैषी निर्णय के फलस्वरूप वनभूमि में वर्षों से काबिज लोगों को वनाधिकार पत्र मिलने से बस्तर जिले के अनेक गरीब परिवारों की जिंदगी संवर गई है। छत्तीसगढ़ शासन ने वन क्षेत्रों में वन भूमि पर काबिज लोगों की भलाई हेतु लिए गये संवेदनशील निर्णयों के कारण लंबे समय तक इस भूमि में काबिज होकर महतारी की सेवा कर अपने कुटूम्ब का भरण-पोषण कर रहे भूमि पुत्रों को आखिरकार जंगल जमीन का मालिकाना हक मिल ही गया है। जिससे वन भूमि के स्वामित्व को लेकर उनकी चिंता दूर हुई है, अब वे निश्चिंत होकर अपनी मेहनत से इस जमीन में सोना उगा रहे हैं।
इस योजना के फलस्वरूप बस्तर जिले के तोकापाल अनुविभाग के कुल 11 हजार 552 हितग्राहियों को वनाधिकार पत्र मिलने से यह जमीन उनके परिवार के लिए खुशहाल जीवन एवं अतिरिक्त आय का जरिया बन गया है। तोकापाल राजस्व अनुविभाग के अन्तर्गत तहसील तोकापाल में व्यक्तिगत वनाधिकार पत्र के अन्तर्गत 2 हजार 719 एवं सामुदायिक वनाधिकार पत्र के अन्तर्गत 623 सहित विकासखण्ड में कुल 3 हजार 342 हितग्राहियों को वनाधिकार पत्र वितरित किया गया है। इसी तरह दरभा विकासखण्ड में व्यक्तिगत वनाधिकार पत्र के अन्तर्गत 6 हजार 763 तथा सामुदायिक वनाधिकार पत्र के अनतर्गत 434 सहित कुल 7 हजार 197 हितग्राहियों को वनाधिकार पत्र वितरित किया गया है। इसी तरह बास्तानार विकासखण्ड में व्यक्तिगत वनाधिकार पत्र के अन्तर्गत 734 एवं सामुदायिक वनाधिकार पत्र के अन्तर्गत 279 सहित विकासखण्ड में कुल 1 हजार 013 हितग्राहियों को वनाधिकार पत्र वितरित किया गया है। इस तरह से शासन के इस निर्णय के फलस्वरूप तोकापाल राजस्व अनुविभाग में कुल 11 हजार 552 हितग्राहियों को इस योजना से लाभान्वित हुए हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए इस योजना से लाभान्वित हितग्राहियों ने इसे किसान, मजदूर एवं जन हितैषी कदम बताया है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया है। राज्य शासन के निर्णय के फलस्वरूप वनाधिकार पत्र मिलने से प्रसन्न तोकापाल विकासखण्ड के ग्राम माड़वा के आदिवासी किसान श्री गागरा, पूरन एवं रामसिंह ने कहा कि उन्हें इस जंगल जमीन का मालिकाना हक मिलने से उनके परिवार का वर्षों पुराना सपना साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि इस जमीन के माध्यम से उन्हें सुखमय जीवन का सहारा मिल गया है। तोकापाल विकासखण्ड के ग्राम कंरजी के आदिवासी किसान त्रिलोचन ने कहा कि उनके परिवार के लिए वर्षों से काबिज इस जंगल जमीन का पट्टा मिलने से उसके परिवार की सबसे बड़ी चिंता दूर हुई है। तोकापाल विकासखण्ड के ग्राम कंरजी के आदिवासी महिला श्रीमती निरबत्ती ने कहा कि उनके लिए यह जंगल जमीन हर तरह से फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हम जैसे अनेक जरूरतमंद लोगों को इस जमीन का मालिकाना हक देकर सहारा प्रदान किया है ।