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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ध्वजारोहण किया; उद्यानिकी यूनिवर्सिटी समेत 5 डिग्री कॉलेज खुलेंगे, प्रशासन में महिलाओं की नियुक्तियां अनिवार्य

राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में मुख्य कार्यक्रम हो रहा, मुख्यमंत्री ने परेड की सलामी ली

राम वनगमन पर्यटन परिपथ विकास कोष का गठन होगा, कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया

रायपुर- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मरवाही में उद्यानिकी महाविद्यालय खोलने की घोषणा की है। इसके साथ प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उनकी नियुक्तियों को अनिवार्य किया जाएगा। इसके साथ मुख्यमंत्री ने कोरोना वॉरियर्स को भी सम्मानित किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली।

राम वन गमन पर्यटन परिपथ के निर्माण के पावन कार्य में प्रदेश की जनता की सहभागिता के लिए ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास कोष का गठन होगा। डॉ. राधाबाई डायग्नोस्टिक सेंटर योजना और ’पढ़ई तुंहर पारा’ योजना शुरू करने की घोषणा की।

पुलिस परेड ग्राउंड में शनिवार को हुए मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- आदिवासी अंचलों में वनोपज का व्यवसाय वहां रह रहे लोगों को सिर उठाकर जीने का अवसर देता है। हम इसे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इसमें प्रसंस्करण जोड़ दें तो बस्तर का काजू, बस्तर की इमली, बस्तर की हल्दी रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ ही मुनाफा भी बढ़ागएी।

मुख्यमंत्री ने ये घोषणा कीं

  • राम वन गमन पर्यटन परिपथ के निर्माण के पावन कार्य में प्रदेश की जनता की सहभागिता के लिए ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास कोष का गठन होगा।
  • डॉ. राधाबाई डायग्नोस्टिक सेंटर योजना और ’पढ़ई तुंहर पारा’ योजना शुरू करने की घोषणा। पैथोलॉजी लैब में सभी जांचें रियायती दरों पर होंगी।
  • घरों में पहुंचकर नागरिक सेवाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ शुरू होगी।
  • विद्युत के पारेषण-वितरण तंत्र की मजबूती के लिए मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना शुरू होगी।
  • ‘पढ़ई तुंहर दुआर‘ में समुदाय की सहभागिता से ‘पढ़ई तुंहर पारा‘ योजना होगी शुरू ब्ल्यू टूथ आधारित व्यवस्था ‘बूल्टू के बोल‘ का उपयोग होगा।
  • वार्ड कार्यालयों के बाद अब घर पहुंच सेवाओं के लिए नगरीय क्षेत्रों में शुरू होगी मुख्यमंत्री मितान योजना।
  • महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी यूनिवर्सिटी, 4 नए उद्यानिकी डिग्री कॉलेज और एक खाद्य तकनीकी एवं प्रसंस्करण कॉलेज खुलेंगे।
  • दुग्ध उत्पादन और मछली पालन को बढ़ावा देने 3 विशिष्ट पॉलिटेक्निक कॉलेज भी खोले जाएंगे।
  • गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में महंत बिसाहू दास जी के नाम से उद्यानिकी महाविद्यालय खोला जाएगा।
  • प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने राज्य में होने वाली नई नियुक्तियों और पदोन्नति के लिए गठित की जाने वाली समितियों में महिला प्रतिनिधि की उपस्थिति अनिवार्य।
  • पांच वर्षों में सिंचाई क्षमता दोगुना करने का लक्ष्य।
  • राजीव गांधी किसान न्याय योजना की दूसरी किश्त 20 अगस्त को।

मुख्यमंत्री के भाषण की प्रमुख बातें

  • भारत की आजादी की 73वीं सालगिरह के अवसर पर अमर शहीदों गैंदसिंह, वीर नारायण सिंह, मंगल पांडे, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मी बाई, वीरांगना अवंति बाई लोधी और लाखों बलिदानियों को नमन किया।
  • देश को एकजुट करने और बुलंद भारत की बुनियाद रखने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. भीमराव अंबेडकर, लाल बहादुर शास्त्री, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे अनेक महान नेताओं के हम हमेशा ऋणी रहेंगे।
  • मुख्यमंत्री ने कहा, यह साल असहयोग आंदोलन का शताब्दी वर्ष भी है। 1 अगस्त 1920 को महात्मा गांधी का यह आह्वान निर्णायक साबित हुआ था कि हम असहयोग करेंगे लेकिन किसी भी हालत में हिंसा नहीं होनी चाहिए।
  • महात्मा गांधी ने कहा था- मैं ऐसा भारत चाहता हूं, जिसमें गरीब से गरीब लोग भी यह महसूस करेंगे कि यह उनका देश है, जिसके निर्माण में उनकी आवाज का महत्व है, जिसमें विविध सम्प्रदायों के बीच पूरा मेल-जोल होगा।
  • भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था- ‘हमने नियति को मिलने का वचन दिया था और अब समय आ गया है कि हम अपने वचन को निभाएं।’ अपने इस ऐतिहासिक भाषण में पंडित नेहरू ने कहा था कि ‘जब तक लोगों की आंखों में आंसू हैं और वे पीड़ित हैं, तब तक हमारा काम खत्म नहीं होगा।’

कोरोना ने उन चेहरों को बेनकाब किया, जो विकास के अपने तरीकों को मानवीय बताते थे

  • मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, हम आजादी के बाद सबसे बड़े वैश्विक संकट के बीच खड़े हैं। कोविड-19 के हमले ने पूरी दुनिया में इंसानियत को ही कसौटी पर रख दिया है और उन चेहरों को बेनकाब कर दिया है, जो विकास के अपने तौर-तरीकों को मानवीय बताते थे।
  • ऐसे समय में हमें अपने संविधान से मिली शक्ति और समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य के रूप में मिली पहचान ने ही संरक्षण और रास्ता दिया। राज्य सरकार के रूप में अपनी प्राथमिकता तय कर सकें कि यह समय समाज के सबसे कमजोर तबकों के आंसू पोंछने का, उसे सशक्त बनाने का ही होना चाहिए।
  • हम में से कोई भी, वह मंजर शायद ही कभी भूल पाए कि किस तरह विभिन्न राज्यों से अपना रोजगार, जमा पूंजी, घर-गृहस्थी खोकर प्रदेश के लाखों लोग चारों दिशाओं से पैदल आ रहे थे। लॉकडाउन के कारण उन्हें रहवास, भोजन, बच्चों के लिए दूध, दवा जैसी बहुत जरूरी सुविधाएं भी दूभर हो रही थीं। ऐसे समय में राज्य सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर प्रदेश की जनता और संस्थाओं ने अद्भुत कार्य किए।
  • साढ़े 5 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी हुई। उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ घर पहुंचाने के लिए हर गांव में अर्थात् लगभग 22 हजार क्वारैंटाइन सेंटर स्थापित किए गए।

ग्रामीण, आदिवासी, उद्योगों, आमजन के लिए काम किया

  • हमने किसानों, ग्रामीण आदिवासियों वन आश्रितों और आम जनता को मजबूती दी। 25 सौ रुपए क्विंटल में धान खरीदी, कर्ज माफी, सिंचाई कर माफी, 4 हजार रुपए मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण मजदूरी, 31 वनोपजों की समर्थन मूल्यों पर खरीदी, खादी और ग्रामोद्योग को बढ़ावा दिया। किसानों, आदिवासियों व वन निवासियों की जेब में हमने 70 हजार करोड़ की राशि डाली।
  • घरेलू बिजली बिल हाफ, सामान्य तथा औद्योगिक भूमि की गाइड लाइन में 30 प्रतिशत की कमी, आवासीय फ्लैट की पंजीयन दर में कमी, औद्योगिक भूमि के हस्तांतरण व लीज रेंट में कमी, राजस्व व श्रम संबंधी सुधार सहित बहुत सारे फैसले लिए।
  • कोरोनाकाल में भी छत्तीसगढ़ में 26 लाख मीट्रिक टन लौह इस्पात सामग्रियों के उत्पादन और आपूर्ति से सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश को सहारा मिला है। डेढ़ वर्षों में प्रदेश में 545 नए उद्योगों की स्थापना हुई जिसमें 13 हजार करोड़ रू. का पूंजी निवेश हुआ तथा 10 हजार लोगों को रोजगार मिला।
  • प्रदेश के हर विकासखंड में फूडपार्क स्थापित करने का लक्ष्य पूरा करने हेतु हमने 28 जिलों में 101 विकासखंडों में भूमि का चिह्नांकन कर लिया है। 19 विकास खंडों में 250 हेक्टेयर सरकारी भूमि का हस्तांतरण किया जा चुका है। रायपुर में ‘जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क’ की स्थापना हेतु 350 करोड़ रू. की परियोजना पर कार्य शुरू हो चुका है।

कोरोना से निपटने स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाई गई

  • स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास के लिए एक ओर जहां 37 स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों का निर्माण किया जा रहा है वहीं कोरोना के उपचार हेतु 30 अस्पताल, 3383 बिस्तर, 517 आईसीयू बिस्तर, 479 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए हैं।
  • जिलों में 155 आइसोलेशन सेंटर विकसित किए गए, जहां लगभग 10 हजार बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध है। टेस्टिंग सुविधा जो अभी 6500 प्रतिदिन पहुंची है, उसे 10 हजार प्रतिदिन करने का लक्ष्य है।
  • वर्तमान में 1900 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं, जिसे आगामी वर्ष तक 3 हजार 100 किए जाने का लक्ष्य है।
  • हमने 26 जनवरी 2020 को ‘डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’ शुरू की थी, जिसके तहत मात्र सात महीनों में 256 करोड़ रुपए. व्यय कर 2 लाख से अधिक मरीजों का उपचार किया गया।
  • इसी प्रकार विशेष जरूरतों के लिए 20 लाख रुपए तक मदद करने वाली देश की अव्वल ‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना’ में सात माह में 4 करोड़ रुपए व्यय कर 270 मरीजों का उपचार किया गया।

12 कोरोना वॉरियर्स का सम्मान

  • डीएसपी सतीश ठाकुर, निरीक्षक भरत बरेठ और आरक्षक उत्तम ठाकुर सम्मानित हुए।
  • मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के मेडिकल ऑफिसर एवं नोडल अधिकारी कोविड केयर सेंटर रायपुर डॉ. अविनाश चतुर्वेदी, मेडिकल लैब टेक्नॉलॉजिस्ट सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेक्टर-25 राखी नवा रायपुर के पवन कुमार साहू।
  • शहरी कार्यक्रम प्रबंधक स्वतंत्र रहंगडाले, नगरपालिका निगम रायपुर जोन क्रमांक 2 के प्रभारी जोन स्वास्थ्य अधिकारी रवि लवानिया, जोन क्रमांक 4 के प्लेसमेंट सफाई सुपरवाइजर सुमीत दीप, जोन क्रमांक 1 की सफाई कामगार अतुल दुबे और जिला पंचायत कार्यालय रायपुर के सहायक परियोजना अधिकारी चुन्नीलाल शर्मा को सम्मानित किया गया।
cgnewstime

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