सुकमा में बोट से कोरोना पॉजिटिव बच्चे और गर्भवती महिला तक पहुंचाई गई मदद, बीजापुर में बह गई हाइवे की सड़क
बीजापुर- जिले का कोंटा इलाका बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। सोमवार को यहां कई इलाकों में बारिश तो थमी रही, मगर गांवों मे बाढ़ के पानी की वजह से लोग मुश्किल में रहे। इस इलाके में फंदी गुडा पुलिया और इंजरम पुलिया डूब चुकी है। लोगों के पास एक जगह से दूसरी तक पहुंचने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। इसी दौरान एक 5 वर्षीय बालक कोरोना पॉजिटिव पाया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ सुकमा से आए नगर सेना और आपदा नियंत्रण की टीम ने बोट में बैठाकर बच्चे को नाला पार करवाया। इस दौरान बच्चे के साथ एक महिला उसे गोद में लेकर बैठी रही। बच्चे को सुकमा भेजा गया।
गर्भवती की भी मदद की गई
एटपाल गांव की महिला को सोमवार की सुबह प्रसव पीड़ा हुई। गांव चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है। परिवार के लोगों ने अस्पताल के लोगों से संपर्क किया। डूबे इलाके में एंबुलेंस नहीं जा सकती थी। फिर थाने की पुलिस को इस बारे में बताया गया। थाने की टीम ने एसपी से बात की और एक बोट के साथ बाढ़ बचाव दल को गादीरास बुलाया गया। सीआरपीएफ की मदद लेकर ग्रामीण महिला को बोट से नदी पार करते हुए दूसरी तरफ लाया गया। यहां से उसे अस्पताल पहुंचाया गया।
बीजापुर का टू लेन हाइवे बना सिंगल लेन
बीजापुर में भी रविवार को काफी बारिश हुई। सोमवार को खबर आई कि न सिर्फ बाढ़ में कई गांव डूब गए, बल्कि सड़क भी बह गई है। जानकारी जुटाने पर पता चला कि यहां भोपालपटनम के बीच पेगड़ापल्ली के पास लगभग एक किलोमीटर में नेशनल हाइवे सड़क का एक तरफ का हिस्स बह चुका है। मिट्टी का कटाव इस कदर हुआ कि एक तरफ की डामर की सड़क नहीं बच सकी। बीजापुर में मिंगनाचल, गंगालूर, भोपालपटनम के कई ग्रामीण इलाके डूबे हुए हैं। यहां राहत और बचाव के काम जारी है।
बस्तर में बारिश
प्रदेश में सबसे ज्यादा बीजापुर जिले में 1623.5 मिमी. और सबसे न्यूनतम कबीरधाम में 502.4 मिमी. औसत वर्षा अब तक रिकॉर्ड की गई है। बस्तर में 714.6 मिमी, कोण्डागांव में 1051.7 मिमी, कांकेर में 665.3 मिमी, नारायणपुर में 896.0 मिमी, दंतेवाड़ा में 1046.6 मिमी, सुकमा में 904.0 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सभी कलेक्टर खासकर बस्तर संभाग के अधिकारियों से बचाव और राहत के कामों को अच्छी तरह से करने के निर्देश दिए हैं।