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धान खरीदी के इतिहास में पहली बार ऐसी लापरवाही कि धान खरीदी की नई सीजन की तैयारी और पिछले धान उठाव ही नहीं

जिले में कोरोना के बहाने 10.80 लाख क्विंटल धान का नहीं किया उठाव, पांच संग्रहण केंद्रों में रखे धान बारिश में भीग रहे

बर्बादी की डगर पर 5 संग्रहण केंद्रों में रखे धान: 10 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान होने का आंकलन

भिलाई- कोरोना के बहाने जिले में धान के उठाव में बड़ी लापरवाही सामने आई है। धान खरीदी के लिए नए सीजन की तैयारी शुरू कर दी गई और पिछला धान का उठाव नहीं किया। इसकी वजह से जिले के पांच संग्रहण केंद्रों में 10 लाख 80 हजार क्विंटल धान खराब हो रहे हैं। धान की कीमत करीब 10 रुपए रुपए से अधिक है। इस साल समितियों में धान की नुकसानी जीरो है इसलिए अब संग्रहण केंद्रों में नुकसानी का बड़ा खेल होने लगा है। दैनिक भास्कर ने जिले के 5 धान संग्रहण केंद्रों की ग्राउंड रिपोर्ट की। संग्रहण केंद्र सेलूद, जेवरा-सिरसा, कोड़िया, अरसनारा और बासीन में बारिश के सीजन में भी यूं ही पड़ा हुआ। जबकि, सरकार ने वर्ष 2020-21 खरीफ फसल धान खरीदी के लिए 17 अगस्त से पंजीयन शुरू करवा रही है।

1.26 लाख क्विंटल धान पड़ा है

4.54 लाख क्विंटल धान डंप है

2.35 लाख क्विंटल धान का उठाव नहीं हुआ है

1.16 लाख क्विंटल धान का स्टॉक है यहां

1.49 लाख क्विंटल धान परिवहन नहीं हुआ

  • धान संग्रहण केंद्र सेलूद: यहां बारिश से बचाने के लिए ऊपर से तिरपाल जरूर ढका हुआ है लेकिन पूरी तरह धान के बोरे सुरक्षित नहीं दिखे। बारिश में भीग रहा है।
  • धान संग्रहण केंद्र कोड़िया: जिस जगह यहां धान का स्टॉक किया गया है वहां पानी निकासी ठीक से नहीं हो पाती। इसलिए यहां धान के निचले बोरे खराब हो रहे हैं।
  • धान संग्रहण केंद्र बासीन: यहां पुराने तिरपाल से धान ढके हुए हैं जो कई जगह से फट गए हैं और इससे पानी धान की छल्लियों को नुकसान पहुंचा रहा है।
  • धान संग्रहण केंद्र जेवरा-सिरसा: हर दिन यहां धान का उठाव ही नहीं हो रहा। कभी वाहन आता है और कभी नहीं। धान का परिवहन समय पर नहीं हो पाया।
  • धान संग्रहण केंद्र अरसनारा: यहां अव्यवस्था के हालात हैं। जैसे-तैसे धान को सुरक्षित रखने की कोशिश की जा रही है, चूहे बोरे को काट भी रहे हैं।

इतनी बारिश है उसके बाद भी करोड़ों रुपए का धान संग्रहण केंद्रों में पड़ा है? इस बार कोरोना की वजह से धान का उठाव मिलरों ने नहीं किया इसलिए इतनी देरी हुई। संग्रहण केंद्रों में अव्यवस्था के हालात हैं इससे धान खराब हो जाएगा, उसका क्या? धान सुरक्षित रखने के उपाय किए गए है आैर मानिटरिंग भी हो रही है। दुर्ग जिले के अलावा दूसरे जिले से भी धान उठाव हो रहा है, यहां क्यों नहीं? तीनों जिलों का धान हमारे संग्रहण केंद्र में रखे गए है इसलिए ऐसा किया जा रहा है।

cgnewstime

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