राम वन प्रोजेक्ट का प्रचार करेगी स्क्रीन लगी हुई वैन, मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
रायपुर- राम वन गमन पथ की जगहों को टूरिस्ट प्लेस की तरह तैयार किया जा रहा है। इसपर जमीनी स्तर पर काम शुरू करने की तैयारी है। अब इस प्रोजेक्ट का प्रचार गांव-गांव, शहर-शहर होगा। सीएम भूपेश बघेल ने रायपुर में अपने निवास परिसर में राम वन गमन पर्यटन परिपथ के प्रचार के लिए तैयार वैन को रवाना किया। यह वैन बस्तर, बिलासपुर, रायपुर, रायगढ़, सरगुजा और दुर्ग संभाग में जाएगी। इसे प्रचार रथ नाम दिया गया है। इन वैन में एलईडी स्क्रीन के माध्यम से छत्तीसगढ़ में भगवान राम के चौदह वर्षों के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ से होकर जाने वाले सभी स्थलों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
लोगों से लिए जाएंगे पैसे
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनभागीदारी के लिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास कोष का गठन किया जाएगा। इस कोष में जमा होने वाले रुपए देवालयों-देवगुडी ( मंदिरों) के विकास में भी लगाइ जाएगी। दरअसल पर्यटन विभाग द्वारा राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विकास के लिए 137 करोड़ रुपए का कॉन्सेप्ट प्लान बनाया गया है। इस परिपथ के तहत कुल 75 स्थान चिन्हित किए गए हैं। प्रथम चरण में 9 स्थालों सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर), रामाराम (सुकमा) शामिल है। इस परियोजना की शुरूआत रायपुर के निकट स्थित चंदखुरी से हो गई है।
प्रदेश में राम
माना जाता है कि वन वास का वक्त भगवान राम ने छत्तीसगढ़ के में बिताया इसके अलावा चंदखुरी भगवान राम का ननिहाल है। इसे माता कौशल्या की नगरी कहा गया है, यहां माता कौशल्या का प्राचीन मंदिर है, जो सातवीं शताब्दी का है। माता कौशल्या मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण तथा विकास के लिए 15 करोड़ 45 लाख रुपए की कार्य योजना पर कार्य किया जा रहा है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत लगभग 2260 किलोमीटर सड़कों का विकास किया जाएगा। लगभग 1400 किलोमीटर सड़कों के दोनों ओर वृक्षारोपण कार्य किया गया है। योजना के तहत तय की गई जगहों पर लैंडस्केप तैयार किया जा रहा है। धनुष के आकार के गेट बन रहे हैं।