breaking lineछत्तीसगढ़रायपुर

बैलों का श्रृंगार कर, गर्भ पूजन, रइचुली-चकरी झूला और ठेठरी-खुरमी के साथ मनाएंगे पोला

रायपुर- राजधानी आज पोला का त्योहार मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री निवास में पोरा-तीजा का तिहार दोपहर 12 बजे मनाया जाएगा। यहां छत्तीसगढ़ की परंपरा और रीति-रिवाज के अनुसार साज-सज्जा की गई हैं। इस दौरान नांदिया-बैला की पूजा की जाएगी। तीजा महोत्सव का आयोजन भी होगा। इस कार्यक्रम में सभी बहनों को आमंत्रित किया गया है। यहां एक सेल्फी जोन बनाया गया है, जहां नांदिया बैला के साथ लोग सेल्फी ले सकेंगे। कार्यक्रम में पोरा चुकी, शिवलिंग की पूजा की जाएगी। यहां रइचुली झूला और चकरी झूला लगाया गया है। कार्यक्रम में लोगों से मास्क लगाकर आने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की गई है। पाेला को छत्तीसगढ़ी में पोरा कहा जाता है। महामाया मंदिर के पुजारी मनोज शुक्ला ने बताया कि यह पर्व खरीफ फसल के द्वितीय चरण का काम पूरा होने पर मनाया जाता है। जिसे निंदाई कोडाई भी कहा जाता है। फसलों के बढ़ने की खुशी में किसान सभी बैलों की पूजा करते है। ऐसा इसलिए क्योंकि बैलों के सहयोग से ही खेती का काम किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन अन्न माता गर्भ धारण करती है।
राज्यपाल-सीएम ने दी बधाई : राज्यपाल अनुसुईया उइके, सीएम भूपेश बघेल, स्पीकर डॉ चरण दास महंत व नेता प्रतिपक्ष धर्मलाल कौशिक ने पोला पर्व पर शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने इस अवसर पर नागरिकों के सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की है। उन्होंने कहा कि पोला का यह पर्व छत्तीसगढ़ के लोक जीवन में कृषि संस्कृति से गहराई से जुड़ा है।

तीजा 21 को मनाया जाएगा 
छत्तीसगढ़ में तीजा (हरतालिका तीज) की विशिष्ट परंपरा है, महिलाएं तीजा मनाने ससुराल से मायके आती हैं। तीजा मनाने के लिए बेटी को पिता या भाई ससुराल से लेकर घर आते है। हालांकि इस पर कोरोना की वजह से कहीं भी जाने पर मनाही है। प्रदेश में तीजा पर्व का महत्व इतना है कि बुजुर्ग महिलाएं भी इस मौके पर मायके आने के लिए उत्सुक रहती हैं। महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए तीजा पर्व के एक दिन पहले करू भात ग्रहण कर निर्जला व्रत रखती हैं। तीजा के दिन बालू से शिवलिंग बनाया जाता है, फूलों का फुलेरा बनाकर साज-सज्जा की जाती है और महिलाएं भजन-कीर्तन कर पूरी रात जागकर शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं।

ऑनलाइन बैल सजाओ प्रतियोगिता
कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव एवं विकास समिति की ओर से ऑनलाइन बैल सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। समिति के संयोजक माधवलाल यादव और जय सोनकर ने बताया कि प्रतियोगिता में बैल मालिकों को दो फोटाे भेजना है। जिसमें एक में सजे हुए बैल और दूसरे में बैल मालिक के साथ 9575003333 पर फोटो भेजना है। फाेटो मंगलवार तक भेजा जा सकता है। समिति की ओर से 3 हजार रुपए प्रथम, 2 हजार रुपए द्वितीय और 1 हजार रुपए तृतीय पुरस्कार दिया जाएगा।

cgnewstime

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!