बालको की पहल से महिलाएं बन रही स्वावलंबी, कोरोना काल में बनाए हजारों मास्क
कवर्धा- महिला अर्थात मातृ शक्ति भारतीय समाज में परिवार की धुरी मानी जाती है। उसके सशक्त और स्वावलंबी होने से परिवार और समाज दोनों की प्रगति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसी भावना के अनुरूप भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको)ने बालकोनगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की जरूरतमंद महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से सामुदायिक विकास कार्यक्रम की परियोजना उन्नति और परियोजनादिशा के अंतर्गत उन्हें सिलाई-कढ़ाई सीखने के लिए प्रोत्साहित किया था। प्रशिक्षित महिलाओं का यही हुनर आज कोविड के कारण हुए लॉकडाउन में उनके लिए आजीविका का बड़ा जरिया बन गया है। बालको ने 25 महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क एवं अन्य सामग्रियां सिलने का आॅर्डर दिया था जिसके एवज में उन्हें लगभग 75000 रुपए की आमदनी हुई। लॉकडाउन के बाद स्वास्थ्यकर्मियों एवं पुलिसकर्मियों के साथ ही समुदाय के ऐसे स्वयंसेवकों के लिए मास्क तथा अन्य व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की बड़ी संख्या में आपूर्ति की जरूरत महसूस की गई जो समुदाय में जाकर जरूरतमंदों की मदद कर रहे थे।
ऐसे में बालको प्रबंधन ने उन्नति परियोजना के अंतर्गत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों को 12500 मास्क, 405 गाउन और 410 कैप सिलने का आॅर्डर दिया। यूं तो सिलाई-कढ़ाई सीख लेने के बाद हुनरमंद महिलाएं पड़ोस के लोगों के कपड़े सिलकर अपनी आजीविका अर्जित कर लेती थीं परंतु कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण पहली बार ऐसा हुआ कि उन्हें एक साथ इतनी बड़ी संख्या में व्यक्तिगत सुरक्षा सामग्रियां सिलने का अवसर मिला। महिलाओं ने इस चुनौती को आगे बढ़कर स्वीकार किया और जल्दी से जल्दी बालको का आॅर्डर पूरा करने में जुट गईं। शासन द्वारा जारी सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता के नियमों का पालन करते हुए समूहों की 51 महिलाओं ने लगभग 20 दिनों में बालको का आॅर्डर पूरा कर दिया है। ये सभी स्वयं सहायता समूह बालकोनगर के परसाभाठा, दहियानपारा, नेहरूनगर, भदरापारा और बेलगिरी नाला क्षेत्र में कार्यरत हैं। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने स्व सहायता समूहों की महिलाओं के योगदान की प्रशंसा की। पति ने कहा कि अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बालको ने जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई सीखने का जो अवसर दिया वह आज राष्ट्र निर्माण में काम आ रहा है। उन्होंने कहा कि समुदाय में बड़ी संख्या में स्वयंसेवक हैं जिन्हें बाहर रहकर जरूरतमंदों की मदद करनी होती है। ऐसे में कोरोना वाइरस से उनकी सुरक्षा प्राथमिकता है। स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के योगदान से ऐसे स्वयंसेवकों की कोरोना वाइरस से सुरक्षा में बड़ी मदद मिली है। श्री पति ने यह भी कहा कि वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल के मार्गदर्शन में अनेक कार्यक्रम पहले से ही संचालित हैं जिनके जरिए जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाई जा रही है।